कई बार हमारे सामने ऐसे मामले आते हैं जो हमें एकदम चौका देते हैं। आज भी हमारे सामने एक मामला ऐसा आया है जिसमें एक आईएएस अधिकारी के दादा दादी ने आत्महत्या कर ली है, जिसकी वजह परिवार की बेरुखी बताई जा रही है। बता दे यह मामला हरियाणा के चरखी दादरी से आया है। पुलिस ने यह मामला व्रस्पतिवार को दर्ज किया।
बुजुर्ग दंपत्ति ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जो दम तोड़ने से पहले पुलिस को सौंपा था। नोट में लिखा था कि मेरे बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, जबकि हमारे पास खाने के लिए रोटी तक भी नहीं है। नोट के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को परिवार के 4 लोगों को जिसमें बेटा, दो पुत्र वधू और एक भतीजे के खिलाफ केस दर्ज किया है।

सूत्रों के अनुसार गोपी निवासी जगदीश चंद्र और भागली देवी अपने बेटे विरेंद्र के पास बढ़डा में रहते थे। वीरेंद्र आर्य के बेटे विवेक आर्य 2021 में यूपीएससी क्लियर करके आईएएस बने थे और उन्हें हरियाणा कैडर मिला है।
जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी ने बुधवार की रात अपने निवास स्थान पर जहरीला पदार्थ खा लिया। देर रात करीब 2:30 बजे जगदीश चंद्र ने जहर निगलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में थी। इसके बाद ईआरवी 151 मौके पर पहुंची और बाढड़ा थाने से भी पुलिस टीम को मौके पर बुलाया गया।

जब हालत बिगड़ी तो बुजुर्ग दंपत्ति को पहले बाढ़डा के प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां भी हालत गंभीर ही रही जिसके चलते उन्हें दादरी सिविल हॉस्पिटल में भेजा गया। वहां के डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी की। पूरे क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है कि, मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढड़़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया।

उन्होंने आगे लिखा, मैंने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक वृद्ध आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे।
अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन बासी और खराब दही देना शुरू कर दिया। ये जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधू, एक बेटा व एक भतीजा है।

जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किया, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे। सरकार और समाज इनको दंड दे। तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़़ा में दुकान है वो आर्य समाज बाढड़ा को दी जाए।’
इस मामले में बाढड़ा थाने में एएसआई व मामले में जांच अधिकारी पवन ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी दोनों बुजुर्ग दंपती के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उनके परिजनों को सौंप दिए है।

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर परिवार के ही चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने को मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले में गंभीरता से छानबीन कर रही है।