जैसा कि हम सभी को पता है कि, आज के समय में अगर हमें कोई भी लीगल काम करना है, तो हमें पहचान परिवार पत्र बहुत जरूरी है। जब हरियाणा में यह बनाए गए तो उसके दौरान काफी लोगों के राशन कार्ड सरकार ने काट लिए थे, जिसकी वजह से सरकार बैकफुट पर आ गई है।
लोगों के विरोध और हंगामे के बाद परिवारों ने दोबारा राशन कार्ड बनवाने शुरू कर दिए हैं। ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम के दौरान उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र ले आए संबंधी त्रुटियों के कारण 2.30 लाख परिवारों के राशन कार्ड बांटे गए थे, उनके राशन कार्ड कैसे बनवाए गए हैं।

सीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो परिवार आर्थिक रूप से समर्थ है, वह अपनी इच्छा से सरकार से मिलने वाले लाभों को छोड़ सकते है ताकि जो जरूरतमंद परिवार हैं उनको यह लाभ मिल सके वही। अंबाला निवासी अजय कुमार ने कहा कि, जिस दिन उनकी आय 1,80,000 से अधिक हो जाएगी, मैं खुद सरकार से मिलने वाले लाभ सभी छोड़ देंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि, हमारे पास शिकायत आती थी कि पात्र लोगों के राशन कार्ड नहीं बने हैं और अपात्र लोगों को हर प्रकार के लाभ मिल रहे हैं। इनके लिए वर्तमान राज्य सरकार ने एक नया प्रयोग करते हुए प्रदेश में लगभग 72,00,000 परिवारों के लिए परिवार पहचान पत्र बनवाए हैं।

उन्होंने आगे कहा, कई टीमों को तैनात कर परिवारों का सर्वे किया गया है। इतना ही नहीं पहले बीपीएल की आय पात्रता सीमा ₹120000 सालाना थी, जिसको बढ़ाकर ₹180000 कर दी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने नागरिकों के स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए निरोगी हरियाणा योजना बनाई है। इस योजना के तहत एक करोड़ से अधिक नागरिकों को स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

अब तक 4.5 लाख लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। सभी अस्पतालों सीएचसी व पीएचसी में स्वास्थ्य जांच की जा रही है। आने वाले समय में निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में करार किया जाएगा ताकि नागरिकों को टेस्ट जल्द हो सके।