एक बात तो हम सभी जानते ही हैं कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई भी उम्र नहीं होती। हम हर उम्र में शिक्षा को पा सकते हैं। अगर हमारे अंदर उसको पाने का जुनून सवार हो। इस बात को सिरसा के 81 वर्षीय पूर्व फौजी लालचंद गोदारा ने साबित करके दिखाया है।
बीए की डिग्री हासिल करने वाले लालचंद के अनुसार, जीवन में कोई भी मंजिल पाने के लिए शिक्षा रोशनी का काम करती है। वह रविवार को सिरसा के राजकीय नेशनल कॉलेज में स्थापित इग्नू के सेंटर में डिग्री हासिल करने के बाद उपस्थित लोगों से बातचीत कर रहे थे।
लालचंद गोदारा को इग्नू केंद्र में डिग्री हासिल करने के लिए बुलाया गया था। इस मौके पर केंद्र संचालक डॉ नवीन मक्कड़, पूर्व संचालक प्रोफेसर अशोक भाटिया, पूर्व संचालक एचके लाल, डॉक्टर पवन वर्मा, डॉक्टर कुलदीप अरोड़ा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
उन्होंने डिग्री हासिल करने पर लालचंद गोदारा को बहुत बधाई दी और कहा कि उनके अंदर जैसा हौसला है, वह निश्चित रूप से युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनेंगे।
जो लोग किसी कारण से अपनी आगे की पढ़ाई जारी नहीं कर सके और अब बढ़ती उम्र के कारण पढ़ाई का विचार छोड़ रहे हैं उन लोगों को लालचंद गोदारा से सीख लेने की बहुत जरूरत है।
लालचंद गोदारा ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि पोते पोतियो उसे कम पढ़े लिखे होने का ताना मारते थे। बेशक सैनिक रहते हुए देश की सुरक्षा के लिए सीने पर गोली खाने की हिम्मत रखी, लेकिन अनपढ़ होने का ताना गोली खाने से ज्यादा दर्द देता है।
उन्होंने आगे बताया, फिर मैंने ठान लिया कि मुझे पढ़ लिख कर शिक्षित समाज का हिस्सा बनना ही है। मजबूत जज्बे के भरोसे उन्होंने 81 साल की उम्र में ग्रेजुएशन की डिग्री ली और अब एम ए करने का सपना देख रहे हैं।
उन्होंने इग्नू से दसवीं और बारहवीं और आज बीए की डिग्री हासिल की है। गोदारा को करनाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में 300 छात्र छात्राओं के साथ डिग्री प्रदान की गई थी। आज सिरसा केंद्र में उन्हें डिग्री देकर सम्मानित किया गया।