हरियाणा सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती है। जिससे कि वह किसी और के ऊपर निर्भर ना रहें। वह खुद खुद को संभाल सके। बता दें, इसी क्रम में अब मातृशक्ति उधमिता योजना हरियाणा सरकार ने लागू की है।
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को बैंक ऋण उपलब्ध कराकर उद्योग शुरू करने की मदद करती है। इस योजना के जरिए महिलाओं को 3,000,00 रुपए तक के ऋण दिलवाने की व्यवस्था की गई है।

बता दे, हरियाणा सरकार द्वारा मातृशक्ति उधमिता योजना महिला विकास निगम के माध्यम से चलाई जा रही है। इस योजना को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए हरियाणा का जिला प्रशासन इसके बारे में महिलाओं को जागरूक कर रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस में भाग ले।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को पहले आवेदन करना पड़ेगा। जिसकी आयु सीमा 18 से 60 वर्ष रखी गई है। इसके साथ ही महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा जो पहले से लिए गए ऋण की डिफॉल्टर नहीं होंगी। लोन के लिए आवेदन करने के लिए महिलाओं की पारिवारिक सालाना आय ₹500000 से कम होनी चाहिए।

इस योजना की खास बात यह है कि ऋण लेने के बाद समय पर किस्त का भुगतान करने पर 3 वर्षों तक 7% ब्याज की अनुदान राशि हरियाणा सरकार की का महिला विकास निगम देगा।

हरियाणा महिला विकास निगम इस योजना के तहत डेयरी, उद्योग विभाग की सूची में शामिल प्रतिनिधियों तथा केवीआइबी को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियां शामिल है।

जिस महिला को इस योजना का लाभ मिलता है वह इस पैसे से ऑटो रिक्शा, छोटा सामान ढोने के लिए वाहन, थ्री व्हील, रिक्शा, टैक्सी सामाजिक व व्यक्तिगत सेवा कर सकती है।

गतिविधियों के तहत सलून, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, बुटीक, फोटोस्टेट की दुकान, पापड़ बनाना, अचार बनाना, हलवाई की दुकान, फूड स्टॉल, आइसक्रीम बनाने की यूनिट, बिस्कुट बनाना, हैंडलूम, बैग बनाना, टिफिन सर्विस, मिट्टी के बर्तन इत्यादि बनाने का काम शुरू कर सकती है।

इस योजना में आवेदन करते समय महिलाओं को यह दस्तावेज लगाने अनिवार्य है। जिसमें राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज की फोटो, रिहायशी प्रमाण पत्र, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और अनुभव प्रमाण पत्र देने होंगे।