सरकारी स्कूलों के लिए हमने ऐसी मानसिकता बनाई हुई है कि, यहां पर सिर्फ गांव के बच्चे या फिर गरीब बच्चे ही पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन आज हम आपको हरियाणा के जिला रेवाड़ी के ऐसे सरकारी स्कूल के बारे में आपको बताने वाले हैं, जहां पर शहरों से भी बच्चे पढ़ने आते हैं। आइए जानते हैं क्या है स्कूल की खासियत।
जिस स्कूल की हम बात कर रहे हैं वह रेवाड़ी जिले में मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर गांव बोडिया कमालपुर का राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है। यह ऐसा अनोखा सरकारी स्कूल है जहां पर 170 बच्चे शहर से पढ़ने के लिए आते हैं।

आपको बता दें, यह स्कूल पहले सिर्फ माध्यमिक विद्यालय था। लेकिन उसके बाद से मॉडल संस्कृति विद्यालय का दर्जा दिया गया। स्कूल को अब सीबीएसई से भी मान्यता मिल चुकी है। इसमें हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जाता है।
अगर बात करें रिजल्ट की तो बीते 10 सालों से यहां 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। पिछले साल की बात की जाए तो दसवीं कक्षा में 98 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी और सभी पास हुए थे।

इन विद्यार्थियों में थे 40 विद्यार्थियों की मेरिट आई थी। 25 विद्यार्थियों के अंक 90 परसेंट से ज्यादा थे। इसी तरह 12वीं कक्षा की 98 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 74 विद्यार्थियों की मेरिट आई थी। 27 विद्यार्थियो के अंक 90 परसेंट से ज्यादा रहे थे।
इस विद्यालय के प्रिंसिपल हो या शिक्षक हो सभी को पोस्टिंग तभी मिलती है जब वह तय मानकों को पूरा करते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अधिकृत की गई बेंगलुरु की संस्था सेंटर फॉर टीचर्स एग्रीडिटेक्शन की ओर से मॉडल संस्कृति विद्यालयों के शिक्षकों व प्रिंसिपल का टेस्ट और इंटरव्यू लिया जाता है।

आपको बता दें, विद्यार्थियों की सुविधा के लिए कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने मुख्यमंत्री से बात करके यहां पर एक विशेष बस सेवा का भी आरंभ कराया है। जिससे कि विद्यार्थियों को आवागमन में कोई दिक्कत ना हो और उनकी पढ़ाई में भी कोई असर ना हो।

आपको बता दें, इस विद्यालय में फिजिक्स केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इकोनामी कंप्यूटर सभी चीज के लैब है। इसके अलावा नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत, यहां ब्यूटी एवं वैलनेस और स्पोर्ट्स की भी लैब है। दो विंग योर ओन डिवाइस कीवी लैब्स विद्यालय में उपलब्ध है।