मां बाप अपने बच्चों के लिए हर वक्त अच्छा सोचता और साथ ही चाहे वह कितना भी गरीब हो। अपने बच्चों को हमेशा भला ही सिखाता है और साथ ही उन्हें अच्छे संस्कार भी देते। आज इसी बीच हम आपको एक मां की कहानी सुनाते हैं, जितने बकरी पालन कर अपने बेटे को आईएएस बनाया।
यह कहानी है विशाल की मां की जो बकरी पाल कर इतना नहीं कमा पाती थी कि वह विशाल की पढ़ाई का खर्च उठा पाए। विशाल की मां विशाल की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाती थी और विशाल बहुत ही लग्न शील बच्चा था तो इस कारण उनके शिष्य ने उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया।
विशाल ने जिले में मैट्रिक परीक्षा में टॉप किया था। साथ ही कानपुर की आईआईटी में दाखिला लिया और साथ ही पैसों की कमी को पूरा करने के लिए नौकरी की और साथ ही जब उन्होंने टॉप किया तो गांव के शिक्षक गौरी शंकर ने उन्हें यूपीएससी की परीक्षा के लिए प्रेरित किया जिसकी वजह से आज वह एक अच्छे IAS बन पाए।
विशाल ने अपने यूपीएससी की ट्रेनिंग मुखर्जी नगर में रहकर की थी।
विशाल ने अपने पिता की इच्छा पूरी करें और साथ ही 2011 में मैट्रिक के परीक्षा में विशाल ने पहला स्थान प्राप्त किया। उसके बाद आईआईटी कानपुर में एडमिशन लिया।
विशाल के शिक्षक गौरी शंकर ने दावा किया कि आईएस विशाल ने छोटी उम्र से ही कक्षा में शानदार प्रदर्शन किया तो उन्होंने कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी और आखिरकार इस मुकाम को हासिल किया।
इसी दौरान विशाल के पिता का निधन हो गया था।विशाल बिहार के मुजफ्फरनगर क्षेत्र के एक छोटे से गांव का मूल निवासी था। बिहारी मजदूर पिता के निधन के बाद विशाल की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई थी।
जिसकी वजह से उनकी मां रीना देवी गुजारा करने के लिए बकरियां और भैंस पालना शुरू कर दिया था। उसके बाद पिता की बिकाऊ प्रसाद अपने बेटों को आश्वस्त किया करते थे कि शिक्षा उसे एक मजबूत इंसान बनने में मदद करेगी।
हर साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में लाखों अभ्यार्थी भाग ले गए थे। लेकिन कुछ ही लोग इस परीक्षा को ट्रैक कर पाते थे। साथ ही विशाल कुमार की विशाल जो कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2021 में यूपीएससी सिविल सेवा एग्जामिनेशन की परीक्षा 484 स्थान हासिल किया था।
विशाल की कहानी बेहद रोचक है। कैसे एक बेहद गरीब घर का गांव का लड़का देश के सबसे कठिन परीक्षा के पास कर रातों-रात चर्चा का विषय बन गया।