आज हम बात करेंगे मुकेश देवी की जो कि अपने पति की मौत के बाद टायर पंचर लगाना उन्होंने शुरू किया अपने बच्चों का पालन पोषण करने के लिए।पति जब भगवान को हार्ट अटैक आ गया था और डॉक्टर ने सलाह दी कि नहीं अब आराम करना होगा।
मुकेश देवी के पति टायर पंचर लगाने का काम करते थे साथ ही वह आदर्श नगर में रहती थी और पति के अटैक के बाद परिवार पर दो वक्त की रोटी जुटाने का संकट आ गया था। साथ ही दो बेटे और एक बेटी के स्कूल का खर्च कैसे निकलेगा।
यह संकट अलग से खड़ा हो गया। बच्चे मां से पूछे लगे अब हमारा क्या होगा?पति के अटैक के बाद मुकेश में हिम्मत नहीं आ रही। साथ ही टायर पंचर लगाने का काम शुरू कर दिया और जैसे जैसे दिन बीतते गए उनकी परेशानियां खत्म नहीं हुई।
लोग मुकेश को ताना भी देना शुरू कर दिया था। साथ ही मुकेश ने केवल अपने फर्ज को अहमियत दी और उन्हें पता था कि वह दूसरों के कहने से काम नहीं बंद कर सकती है। बीमार पति और बच्चों का पेट कैसे भरेगा?
समय बीतता गया और इसी तरह 16 साल के संघर्ष तक मुकेश ने दो बेटे और एक बेटी की शादी की और अब बड़ा बेटा उनके काम में हाथ बताता है तो छोटा बेटा वकील बनने के लिए पढ़ाई कर रहा है।