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स्वास्थ्य मंत्री ने बनाई कमेटी, हरियाणा के डॉक्टर छोड़ रहे हैं सरकारी नौकरी

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स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेश पर तीन डॉक्टरों ने एक हाई लेवल कमेटी गठित की क्योंकि सरकारी डॉक्टर से अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जो मीटिंग गठित की थी, उस मीटिंग में 1 महीने की रिपोर्ट पेश की जाए कि इसमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर द्वारा छोड़ी गई नौकरी और नए चयनित डॉक्टर ज्वाइन करने का पीछे का कारण पता लगाया जाएगा।

आपको बता दें। डॉ ब्रह्मदेव का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर में डॉक्टर को वेतन ज्यादा मिलता है।साथ मिठाई लेवल कमेटी में सीएमओ डॉ ब्रह्मदेव को भी शामिल किया। उनका कहना है कि डॉक्टरों को प्राइवेट सेक्टर में वेतन ज्यादा मिलता है।

इसी कारण वर्ष अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों की कमी हो रही है और उनका मानना है कि पहले के मुकाबले अब सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की संख्या बढ़ी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के द्वारा गठित की गई हाई लेवल कमेटी के सदस्य सीएमओ डॉ ब्रह्मदीप का कहना है कि पहले के मुकाबले सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ी है परंतु प्राइवेट सेक्टर में डॉक्टर को वेतन ज्यादा मिलता है।


सीएमओ डॉ ब्रह्मदेव ने बताया कि हाई लेवल कमेटी में शामिल अन्य डॉक्टर से भी जल्द ही कोआर्डिनेशन किया जाएगा और 1 महीने के अंदर इन कारणों का पता लगाकर कमेटी में रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को दी जाएगी।

डब्ल्यूएचओ की मानें तो प्रदेश में 15000 डॉक्टरों की कमी हालांकि प्रदेश सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए हर एक मेडिकल कॉलेज खंगालने की घोषणा कर चुकी है।

इसी के चलते स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेश पर यह हाई लेवल कमिटी गठित की गई परंतु डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे सकारात्मक कदम उठाएगी।साथ ही 15000 डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए हर एक प्रदेश में अच्छे से अच्छे मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।

इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टर की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। लेकिन नए चयनित डॉक्टर नौकरी ज्वाइन नहीं करें। इसी के चलते अनिल विज को 1 महीने की रिपोर्ट दी जाएगी।


बता दें, ज्यादा पैसे के चक्कर में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की संख्या घट के साथ ही सरकारी हो या प्राइवेट सेक्टर में जाने के लिए नौकरी छोड़ दें और फिर 20 साल नौकरी पूरे होने के बाद भी वीआरएस ले रहे हैं।

उनका कहना है कि डॉ सिर्फ पैसों के पीछे ना भागे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डॉ पेशा सेवाभाव का पेशा है कि अगर हम सेवा भाग से लोगों का इलाज करेंगे तो हमें दुआएं भी मिलेंगे। साथ ही मन को संतुष्टि भी दर्द दूर कर के डॉक्टरों को दुआएं ही मिलती हैं।

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