एक परिचालक जिसका नाम सुखबीर चोटीवाला है, वह महा में तीन-चार दिन मीठा शरबत बाकी दिन शीतल जल पिलाते हैं। रोडवेज की बस में चंडीगढ़ से दिल्ली की यात्रा कर रहे यात्रियों की वह वर्ष 2016 से सेवा कर रहे हैं।
उनकी पत्नी शाम को और कबड्डी के खिलाड़ी हैं और साथ ही बस में 8 कैंपर रखे हुए होते हैं जिनमें से ₹30 प्रति काम पर पानी खरीदा जाता है और प्रत्येक दिन में 250 से ₹300 के बीच खर्चा आता है।
सोमवार की सुबह 9:35 दिल्ली से चंडीगढ़ की ओर जाते हुए रोडवेज की बस पानीपत के स्काईलार्क विश्राम गृह परिसर में आकर खड़ी होती है। इसी बीच बस में सुखबीर सिंह जो कि परिचालक हैं।
बस के वह अनाउंस करते हैं कि बस 15 मिनट रुकेगी। किसी भी यात्री को वॉशरूम जाना है तो जा सकता है। साथ ही वह ट्रीमिस शरबत से भरे 8-10 गिलास लेकर यात्रियों को पिलाने लगते हैं।
जब परिचालक सवाल पूछा गया कि एकादशी है इसलिए शरबत पिला रहे हो तो उसने कहा कि नहीं सर मैं पिछले 2016 से यात्रियों की सेवा कर रहा हूं और उन्हें शरबत पिलाता हूं। सुखबीर ने बताया कि वह 8 कैंपर खरीदते हैं और सप्लाई से पानी खरीदते हैं।
मीठा पानी, अमावस, पूर्णिमा एकादशी सहित किसी खास दिन पर पिलाते हैं। बाकी दिन साधक शीतल जल पिलाते हैं। सावन में शिवरात्रि पर इसका समापन होता है। यह सिलसिला गर्मी के मौसम में 3 महीने तक चलता है।
सुखबीर ने बताया कि आदमी को पानी पिलाने तक ही काम पूरा हो जाता है और रोजाना हर शाम को डिपो पर कैंप्रो को धोकर रखा जाता है।
पानी भरने से पहले भी वह कैंपर धोते हैं और साथ ही वह डिस्पोजल ग्लास का इस्तेमाल करते हैं।यात्री बाहर सड़क पर गिलास ना फेंके इसलिए उन्होंने बस में डस्टबिन रखा हुआ है।
परिचालक सुखबीर ने बताया कि उनके बड़े भाई महावीर सरकारी सेवा में है। साथ ही पिता जगबीर सिंह हरियाणा पुलिस में सेवानिवृत्ति है और पत्नी श्याम कौर कबड्डी खिलाड़ी है। उन्होंने नेशनल भी खेला हुआ है और 13 साल की बेटी भूमिका व 8 साल का बेटा सागर है।