कुछ परीक्षाएं ऐसी होती हैं कि जिन्हें पार कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है और कुछ परीक्षा एक दिवसीय होती हैं तो कुछ परीक्षाएं एक से ज्यादा दिन की भी होती हैं। भारत में हर वर्ष सरकारी नौकरियों के लिए राज्य स्तर और केंद्र स्तर पर भर्तियां शुरू होती है।
जो कि पूरे देश में सबसे कठिन परीक्षा होती है और इसमें मुकाम हासिल करना एक अपने आप में ही खास उपलब्धि है। हर वर्ष इस परीक्षा में लाखों संख्या में युवा बैठते हैं परंतु सफलता कुछ ही चंद लोगों को मिलती है।

आज हम बात करेंगे ऐसे युवा कि जिसने अपने जीवन में बेहद ही संघर्ष किया। और अपने जीवन काल में 34 परीक्षाओं में फेल होने के बाद। जब 35 वी परीक्षा देने बैठे तो उनकी किस्मत पलट गई।
यह कहानी है हरियाणा के सिरसा में रहने वाले आईएएस विजय वर्धन की। आईएएस की परीक्षा में अक्सर लोग फेल हो जाते हैं और इसमें कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती परंतु इस लड़के ने 34 परीक्षाएं देने के बाद भी असफलता ही हाथ लगी, तब भी इस लड़के ने हार नहीं मानी।

इन्हीं सकारात्मकता की वजह से उन्होंने 2018 में अपने आईएएस के सपने को पूरा कर दिखाया। वर्ष 2018 में जब विजय आईएएस की परीक्षा में 104 वीं रैंक प्राप्त किए। तो ये आईएएस के लिए उनका पांचवा प्रयास था।
यूपीएससी एग्जाम देने से पहले विजय ने कई सारे छोटे-बड़े करीब 35 एग्जाम दिए। लेकिन हर एग्जाम में उन्हें असफलता ही हाथ लगा। एसएससी, स्टेट पीसीएस तब भगवान उनका एक अलग ही परीक्षा ले रहे थे।

उन्होंने सीएचएसएल, सीजीएल, रेलवे एनटीपीसी, बैंकिंग और बहुत सारे एग्जाम दिए। कमाल की बात तो यह थी कि वह हर एग्जाम का प्री पास कर जाते थे लेकिन मेंस में फेल हो जाते थे। ऐसा लगता था मानो कि भगवान उन्हें कुछ और ही बनाना चाहते थे।
विजय यह बताते हैं कि आप सबकी बात सुनो लेकिन करो सिर्फ अपने मन की। जब तक सफलता नहीं मिली लगे रहो। विजय ने यह बताया कि उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी।

तो इंटरव्यू तक वो गए, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। इतने कड़े परिश्रम के बाद भी विजय वर्धन ने हार नहीं मानी और वर्ष 2018 में उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर आईएएस के लिए सिलेक्ट हुए और यूपीएससी की परीक्षा में 104 वीं रैंक हासिल की।