पाकिस्तान से अंबाला आई एक बुजुर्ग महिला घर का रास्ता ना पता होने से होटल में थी जिसके बाद परिजन बुजुर्ग महिला को लेने आए तो पता चला कि बुजुर्ग 1998 में पाकिस्तान से भारत आई थी और नारायणगढ़ के गांव जंगू में रह रही थी। वही लोगों ने मदद कर बुजुर्ग को वृद्धाश्रम छोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक अंबाला के जग्गू माजरा में रह रही पाकिस्तान की रहने वाली है। बुजुर्ग महिला लापता हो गई थी और परिजनों तक इसकी जानकारी पहुंची तो बुजुर्ग के परिजन उसे लेने पहुंचे। वही शीला देवी 1998 में पाकिस्तान से भारत आई थी और वह रास्ता भूल गई थी। जिस वजह से वह घर नहीं लौट पाई।

पिछले कुछ सालों में हिंदू परिवार पाकिस्तान से भारत आए थे, लेकिन वहां के हालातों को देखते हुए पाकिस्तान वापस नहीं लौटे। वही सरफराज निवासी जग्गू माजरा ने बताया कि दादी शीला देवी 6 मई से बस में बैठकर नागरिक अस्पताल अंबाला कैंट में दवा लेने आई थी। इसके बाद में नहीं लौटी क्योंकि वह घर का रास्ता भटक चुकी थी।

पुलिस महिला की तलाश कर रही थी और अचानक महिला का पता चल गया। रिश्तेदार आदि में पता किया लेकिन कुछ जानकारी नहीं मिली। इसके बाद अंबाला से छावनी की रेड क्रॉस संस्था में रह रही थी। उनका कहना है कि हमारे स्टाफ ने उस बुजुर्ग महिला से जोड़ने का प्रयास किया।
फिर उसने अपने गांव का नाम बताया। उसके बाद हमने नारायणगढ़ एसडीएम को फोन किया। उसके उसके गांव के सरपंच का नंबर मांगा। सरपंच के फोन करने के बाद पता चला कि एक बुजुर्ग महिला जग्गू माजरा गांव की है। वहीं उसके बाद उनके घर वालों को सूचित किया गया और उसका पोता सरफराज अंबाला छावनी के वृद्धाश्रम में अपनी दादी को लेने पहुंचा।

उसकी दादी के डाक्यूमेंट्स मांगे गए तो उसने अपनी दादी का पाकिस्तान के विषय के डॉक्यूमेंट दिखाएं और उनसे पता किया गया और उनका कहना था कि 1998 में उनकी दादी पाकिस्तान से भारत आई थी और वह लगातार इसी गांव में रह रही है जिसके बाद वह रास्ता भटक गई थी और वह इतने सालों से भारत में ही है।