बाल विवाह जागरूकता का असर अब जमीनी स्तर पर भी दिखाई देने लगा है। साथ ही पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ अब बेटियों को अपने अधिकारों की भी जानकारी होने लगी है। यही एक मामला नूह जिले के नगीना कस्बा में भिवानी जिले से एक नाबालिक लड़की की बारात आई।
साथ ही लड़की ने अपने परिवार वालों को जबरन शादी कराने खिलाफ बगावत कर बड़ी। सूझबूझ से डायल 112 नंबर पर अपनी सहेली से फोन करवा दिया और सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और इसकी जानकारी नूह जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी को दी।

सूचना पाने के बाद महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी मंजू जैन अपनी टीम के साथ पहुंची और लड़की लड़के के परिजनों से बात कर शादी को रुकवाया गया।
अधिकारी मधु जैन महिला संरक्षण में बाल विवाह निषेध के अधिकारी ने जब लड़की के परिवार वालों से जन्मतिथि स्कूल प्रमाण पत्र आंगनवाड़ी का रिकॉर्ड मांगा तो पिता ने स्कूल प्रमाण पत्र थमा दिया और साथ ही इसके जब लड़की की आयु 18 वर्ष 2 महीने थी।

अधिकारी को संतुष्ट करने के बाद लड़की का परिवार व रात को खाना खिलाने लगे और विदाई की तैयारियों में जुट गए। जिसके बाद महिला अधिकारी ने पुख्ता सबूत को नजरअंदाज नहीं किया बल्कि अपनी जांच को और तेज किया। इसके बाद जिला नागरिक अस्पताल मंडीखेड़ा और आंगनवाड़ी का रिकॉर्ड रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि लड़की की आयु 18 साल होने में अभी 2 साल बाकी है।
यानी लड़की की उम्र महज 16 साल थी। साथ ही इसके अध्यापक पर क्षेत्र के लोगों ने कार्यवाही की मांग की क्योंकि उन्होंने अधिकारी को गुमराह कर स्कूल का फर्जी प्रमाण पत्र बनाया था।

पुख्ता सबूतों के हाथ लगते ही महिला अधिकारी ने रुकवाई शादी।
महिला अधिकारी को स्कूल का फर्जी प्रमाण पत्र थमा कर लड़की के परिवार वाले तैयारियां शुरू करने लगे। साथ ही बारात को खाना भी खिला चुके थे, लेकिन लड़की के परिजन विदाई की तैयारी ही कर रहे थे।

जिसके बाद महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी मधु जैन ने पुख्ता सबूतों को इकट्ठा कर इन्हीं के आधार पर शादी को रुकवा दिया, जिसके बाद नाबालिक लड़की के परिजन और समाज के गणमान्य लोगों ने बात को दबाने का प्रयास किया। लेकिन महिला अधिकारी मधु जैन ने समाज के लोगों को समझाया कि नाबालिक लड़की की शादी कानूनन अपराध है।