सिवाह गांव की रहने वाली है। किसान ताइवान और थाईलैंड की नस्ल से तरबूज की खेती करते हैं। साथ ही उन्हें 1 एकड़ से चार लाख का मुनाफा होता है। पानीपत के रहने वाले किसान ने विशेष रंगों के तरबूज अब आए हैं जो बाहर से पीले होते हैं। अंदर से लाल होते हैं फिर बाहर चेहरे होते और अंदर से पीले होते हैं।
सिवाह गांव के रामप्रताप ताइवान और थाईलैंड नस्ल के तरबूज की खेती करते हैं और उनके पास पहले से ही 3 किस्मों के तरबूज उगाते थे। रामप्रताप की खेती को देखकर इसराइल से आए एक डेलिगेशन ने उन्हें सम्मानित किया है।
लोग रामप्रताप से दूर-दूर से सब्जी खरीदने आते हैं क्योंकि वह खेत में फल और सब्जियां और ज्ञानिक तरीके से बातें हैं।

साथ ही वे बाजार में अपने उत्पादों को बेचने के बजाय लोगों को अपने पास आने की व्यवस्था करते हैं। साथ ही इसके वह अपने फल और सब्जियों की देखभाल खुद ही करते हैं।बातचीत के दौरान रामप्रताप ने बताया कि सामान्य तरबूज के बीज की कीमत 25 से 30,000 होती है।

साथ ही इसके इन यूनिट त्रिभुजों के बीच की कीमत एक से डेढ़ लाख प्रति किलोग्राम होती है। रामप्रताप ने बताया कि इन तरबूज की खेती के लिए उन्होंने ₹100000 प्रति किलो की कीमत पर उन बीजों को खरीदा और उसके बाद उन्होंने 1 एकड़ की जमीन पर इन बीजों की खेती की जिससे उन्हें आज 1 एकड़ में लगभग ₹400000 का मुनाफा हुआ।