हरियाणा के एक बीटेक इंजीनियर ने अपनी नौकरी छोड़ ऐसा अनोखा बेहद शुरू किया हैl जो कि 72 ही प्रेरणादायक हैl झज्जर के डाबला गांव निवासी नीरज शर्मा ने नौकरी छोड़ कर मिट्टी के पारंपरिक बर्तन ऑनलाइन बेचकर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैंl आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बिगड़ रहे स्वास्थ और खानपान के शेड्यूल के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो जाती हैंl और देखा जाता है कि एल्यूमीनियम और लोहे के बर्तन में खाना खाने या बनाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैंl

लेकिन पारंपरिक तरीके से मिट्टी के बर्तनों में बनाए गएl खाने के सभी पोषक तत्व ज्यों के त्यों बरकरार रहते हैंl लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नीरज ने नौकरी छोड़ कर मिट्टी के बर्तन बनाने शुरू कर दिएl खास बात यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी नीरज द्वारा बनाए गए बर्तनों के मुरीद हैंl नीरज शर्मा ने गांव के कुम्हारों को भी रोजगार दे रखा हैl ताकि हम लोगों तक मिट्टी के केमिकल फ्री बर्तन पहुंचा सकेl

प्लास्टिक की बोतल और नॉन स्टिक बर्तनों से होने वाले नुकसान के कारण मिट्टी के बने बर्तन और बोतल जैसी चीजें आजकल खूब प्रचलन में हैl वहीं बाजार में भी मिट्टी के बर्तनों की मांग इतनी बढ़ रही हैl इसे बनाने का बिजनेस भी उतना तेजी से बढ़ रहा हैl लेकिन देश की ज्यादातर जगहों में बंद रहे मिट्टी के बर्तनों को कोई कुम्हार नहीं बल्कि मशीनें तैयार कर रहे हैंl

बता दे नीरज शर्मा वैसे तो एक बी टेक इंजीनियर हैl लेकिन पिछले 3 सालों से वह अपने गांव में रहकर ही काम कर रहे हैंl इनका कहना हैl कि आमतौर पर मिट्टी के बर्तन जल्दी टूट जाते हैंl लेकिन अगर कारीगर सही हो और सही ढंग से इसे बनाया जाए तो यह लंबे समय तक चलते हैंl और बार बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं नीरज ने बताया कि झज्जर की झज्जरी के नाम से मशहूर सुराही, मटके, पतीले, मटकी, बोतल, जग, कप, प्लेट, ढक्कन आदि कई तरह के बरतनी हां बनाए जाते हैंl