हर शहर का अपना एक जायका होता है. कहीं के छोले भटूरे तो कहीं की पाव भाजी, कहीं की जलेबी तो कहीं के पराठे फेमस होते है। रेवाड़ी शहर की बात की जाए तो रेवाड़ी के पराठे काफी मशहूर हैं। देसी घी से बनने वाले पराठे खाने के लिए शहर के इस रेस्टोरेंट पर शौकीनों की भीड़ जुटती है। ओल्ड अशोका होटल के पराठों के लोग कायल हैं। दूर-दूर से लोग इनका स्वाद चखने यहां पहुंचते हैं।
इस रेस्टोरेंट में सिर्फ सुबह के नाश्ते में ही नहीं, बल्कि दिन भर पराठे परोसे जाते हैं. अशोका होटल की शुरुआत मनेठी निवासी सुल्तान सिंह यादव ने वर्ष 1972 में की थी। उन्होंने अपने बड़े बेटे अशोक के नाम पर इसकी शुरुआत की. पहले यहां सिर्फ साधारण ढाबा चलाया जाता था, लेकिन साल 1992 के बाद पराठों के लिए लोगों का प्यार देखकर यहां केवल परांठे परोसे जाने लगे।

ओनर राम किशन बताते हैं कि जब रेस्टोरेंट में पराठे की शुरुआत हुई थी तब 5 रुपये रेट था, पर अब महंगाई बढ़ने के साथ यहां रेट बढ़े हैं। अब यहां 60 रुपये का एक पराठा है. बताया कि उनके यहां कई तरीके के पराठे मिलते हैं। आलू पराठे, प्याज पराठे, मिक्स वेज पराठा, पनीर पराठा ऐसे ही कई वैरायटी हैं. बताया कि वह घर के बने मसालों का इस्तेमाल करते हैं और ग्राहकों के लिए खुद पराठे तैयार करते हैं, कारीगर नहीं रखा है।

नेशनल हाईवे नंबर-11 पर जैसे ही रेवाड़ी से नारनौल की तरफ चलेंगे तो करीब 20 किलोमीटर दूर कुंड बस स्टैंड पर अशोका होटल है। अशोक के निधन के बाद उनके छोटे भाई राम किशन रेस्टोरेंट चला रहे हैं।बताया कि ओल्ड अशोका होटल नाम से तीन किलोमीटर दूर एक और रेस्टोरेंट जो उनके भाई सुनील चला रहे हैं।

लोगों का कहना है कि इन पराठों का स्वाद काफी अलग है। रेवाड़ी ही नहीं बल्कि दिल्ली और राजस्थान के लोग भी यहां परांठे खाने आते हैं। जिन लोगों को इस रास्ते से निकलना होता है तो वे पराठों के लिए यहां जरूर रुकते हैं। लोग यहां पराठे तो खाते ही हैं, अपने घर पर रिश्तेदारों के लिए भी लेकर जाते हैं।