आज के समय में हरियाणा काफी चीजों में माहिर होता जा रहा है, जिसमें से मिठाई के लिए भी अब हरियाणा को जाना जाता है। जब भी कभी बहन बेटियों के लिए कोथली तैयार होती थी, तो उसमें घेवर अपनी एक अहम भूमिका निभाता था और अब आधुनिकता के युग में भी यह अपनी जगह बनाता जा रहा है।
समय के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता और स्वाद भी बहुत बेहतर होता जा रहा है। लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए पहले यह शुगर फ्री हुआ और देसी खांड में बनना शुरू हो गया है। इसके लिए यह वनस्पति घी से लेकर देसी घी में तैयार होता है।
अब इसकी मांग सिर्फ प्रदेश में नहीं देश के हर एक कोने में और विदेशों में भी होनी शुरू हो गई है। हरियाणा के रोहतक शहर की बात करें तो रोजाना लाखों रुपए का कारोबार यहां इसी मिठाई से चलता है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
कल से मॉनसून का सीजन शुरू हो जाएगा और इस सीजन में सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाई घेवर मानी जाती है। हरियाणा में रोहतक के घेवर की प्रसिद्ध सबसे ऊपर है। मई से ही यह कारीगर इस काम में लग जाते हैं।
मांग को पूरा करने के लिए जब हरियाणा के कारीगर कम पड़ते हैं, तो उत्तर प्रदेश से भी लोग बुलाए जाते हैं। रोहतक जिले से गुजरात महाराष्ट्र चंडीगढ़ दिल्ली नियमित घेवर की सप्लाई की जाती है। यह घेवर कुरियर के द्वारा भेजा जाता है। इसकी ऑनलाइन बुकिंग भी की जाती है।
इसके अलावा रोहतक का घेवर कनाडा सहित कई अन्य देशों में भी भेजा जाता है। विदेश से आने वाले भी अपने साथ इसे खरीद कर लेकर जाते हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा से कई कारीगर भीमसेन ओमप्रकाश ने बताया कि वह और उनके कई साथी यहां आते हैं। सीजन में कारीगरों की मांग बढ़ जाती है। जब मौसम में नमी होती है तब गेवर का असली स्वाद आता है।
यहाँ रोजाना हजार किलो बेवर बनाया जाता है। जिसमें से 200 से 300 किलो बाहर भेजा जाता है। इसकी पैकिंग व कूरियर का खर्च मंगाने वाले से लिया जाता है।
साधारण व दूधवाला घेवर 1 सप्ताह चल जाता है। देश में 3 दिन में कोरियर पहुंचता है। इसके लिए कुरियर कंपनी ₹120 प्रति किलो का खर्च लेती है। जिले में रोजाना की बिक्री ₹1000000 से अधिक की होती है।