हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों की लगभग 10000 एकड़ संयुक्त भूमि क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पाकर् विकसित किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को दिल्ली में अरावली सफारी पाकर् की समीक्षा बैठक करने के उपरांत यह कहा। जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े।
“हरियाणा की जंगल सफारी परियोजना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और हरियाणा सरकार की एक संयुक्त परियोजना होगी।
वर्तमान में, अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है जिसे फरवरी 2022 में लगभग 2,000 एकड़ क्षेत्र में खोला गया था।
पर अब दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क हरियाणा में विकसित किया जाएगा। विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क गुरुग्राम और नूंह जिले की अरावली पर्वत श्रृंखला में 10000 एकड़ संयुक्त भूमि क्षेत्र में फैलेगा । यह प्रोजेक्ट दुनिया के सबसे बड़ा प्रोजेक्ट मे से होगा।
प्रस्तावित अरावली पार्क इस आकार से पांच गुना बड़ा होगा और इसमें एक बड़ा सर्पेन्टेरियम, एवियरी/पक्षी पार्क, बड़ी बिल्लियों के लिए चार क्षेत्र, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक पानी के नीचे की दुनिया, प्रकृति पथ शामिल होंगे। आगंतुक, पर्यटन क्षेत्र, वनस्पति उद्यान, बायोम, भूमध्यरेखीय, उष्णकटिबंधीय, तटीय, रेगिस्तान, आदि।
पीएमसी नियुक्त करने के लिए 15 जुलाई तक निविदाएं होंगी और 15 अगस्त तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दिसम्बर माह तक तक संग्रहालय की शुरुआत हो सके, इसके लिए सभी संबंधित विभागों को तेजी गति से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक द्दष्टि से हरियाणा छोटा राज्य है, लेकिन यहां पुरातत्व से जुड़ी हुई चीजें सबसे ज्यादा पाई जाती हैं। सरस्वती काल की सभ्यता के अवशेष भी हरियाणा के कई स्थानों पर हैं। इन सबको भी संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रयासरत है।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हरियाणा में आज जनता महसूस करती है कि जिस तरह की शासन व्यवस्था अब उन्होंने देखी हैं, पहले कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि इस प्रकार की व्यवस्थाएं भी बनेंगी।
खट्टर के मुताबिक, जंगल सफारी विकसित करने से एक तरफ जहां इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पर्यटन के लिए यहां आएंगे, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा होंगे।
इसके अलावा, होम स्टे से आसपास के गांवों के ग्रामीणों को लाभ होगा। अरावली पर्वत श्रृंखला एक सांस्कृतिक विरासत है जहाँ पक्षियों, जंगली जानवरों, तितलियों आदि की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
अरावली पर्वत श्रृंखला पक्षियों, जंगली जानवरों और तितलियों की कई प्रजातियों का घर है। कुछ वर्ष पहले हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पक्षियों की 180 प्रजातियाँ, स्तनधारियों की 15 प्रजातियाँ, जलीय जंतुओं और सरीसृपों की 29 प्रजातियाँ और 57 प्रजातियाँ अरावली पर्वत शृंखला में बड़ी संख्या में तितलियाँ मौजूद हैं।