उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बारिश न होने की वजह से गर्मी और उमस लगातार बढ़ रही है, इससे लखनऊ समेत कई जिलों के लोग परेशान हैं। अब मौसम विभाग ने डबल अलर्ट जारी किया है। इसके तहत 11 जिलों में आज मानसून का रौद्र रूप देखने को मिलेगा।
साथ ही 3 जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लखनऊ मौसम केंद्र के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में बाराबंकी, हरदोई, कानपुर, इटावा, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, वाराणसी, बलिया और बहराइच में शून्य मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।

जबकि प्रयागराज में 1.3 मिलीमीटर, झांसी में 1 मिलीमीटर, आगरा में 4 मिलीमीटर और अलीगढ़ में 8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. बाकी अन्य जिलों के साथ ही लखनऊ में जीरो मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि लखनऊ में ह्यूमिडिटी 89 फीसदी रिकॉर्ड की गई है. यही नहीं लखनऊ का अधिकतम तापमान सोमवार को 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहा।

मौसम विभाग के मुताबिक पूरे दिन बादलों की आवाजाही के बावजूद कई शहरों में बारिश नहीं हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाडों पर बारिश होने से नदियों का जलस्तर अब तेजी से बढ़ेगा। यूपी में गंगा, यमुना सहित अन्य नदियां अब अपना रौद्र रूप दिखाएंगी।

इस दौरान नदियों के किनारे बसे गांवों के लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें। हालांकि नदियों के किनारे बसे गांवों के लोग परिवार समेत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन भी करने लगे हैं।

लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि मंगलवार को लखनऊ के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। अधिकतम तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है।

उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश होगी, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश होगी। उन्होंने बताया कि अब लगभग सभी जिलों में एक बार फिर से तापमान बढ़ने लगा है। मॉनसून की गति धीमी होने की वजह से उमस और गर्मी बढ़ रही है। अभी एक-दो दिन लगेगा मौसम को बदलने में, मॉनिटरिंग की जा रही है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार निम्न दबाव का क्षेत्र का अब झारखंड के पश्चिमी हिस्सों और इससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तरी आंतरिक ओडिशा पर है। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ की तरफ पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।

इसके साथ ही मानसून ट्रफ गंगानगर, चूरू, ग्वालियर, सतना के निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र बालासोर और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रही है। 18 जुलाई तक उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। इस वजह से उत्तर प्रदेश के मौसम में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।