आईपीएस शत्रुजीत कपूर हरियाणा के नए डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) हो सकते हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार की ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भरोसेमंद अफसरों में गिने जाने वाले शत्रुजीत कपूर को डीजीपी के अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने की तैयारी है. इसके पीछे सीएमओ अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि पहले भी हरियाणा में डीजीपी एसएन वशिष्ठ के साथ अन्य डीजीपी के पास विजिलेंस का अतिरिक्त कार्यभार था
दरअसल, 11 जुलाई को हरियाणा सरकार की ओर से 9 आईपीएस अधिकारियों की सूची यूपीएससी को भेजी गई थी. हालांकि, यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताते हुए IPS अधिकारी मनोज यादव का नाम शामिल करने के साथ ही उनका रिकॉर्ड भी भेजने को कहा था. सरकार ने UPSC को पत्र भेजकर मनोज यादव के यहां नहीं आने पर अनिच्छा जताई है.
इसके बाद, यूपीएससी की ओर से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल हरियाणा भेजा जाना है. जिसमें से सरकार एक अधिकारी का चयन डीजीपी पद के लिए करेगी. हालांकि, इसमें लगातार देरी हो रही है, ऐसे में हरियाणा सरकार भी पंजाब की तर्ज पर कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर सकती है क्योंकि मौजूदा डीजीपी पीके अग्रवाल 15 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार डीजीपी का महत्वपूर्ण पद खाली नहीं रखना चाहती है. अगर UPSC पैनल भेजने में और देरी करता है तो सरकार प्लान B के तहत कार्यवाहक DGP की नियुक्ति भी कर सकती है.
शत्रुजीत कपूर को ACB की कमान मिलने के बाद राज्य में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खूब कार्रवाई की गई है. औसतन हर दूसरे दिन एक भ्रष्टाचारी पकड़ा जा रहा है. खास बात है कि ACB ने पहली बार बड़े भ्रष्ट अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा है. CM खट्टर शुरू से ही भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करते रहे हैं. ऐसे में मनोहर लाल भ्रष्टाचारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में कोई ढील देने के मूड में नहीं हैं. साल 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही है.