कई बार ऐसा होता है कि लोगों के ताने हमें सफल बनाते हैं। ऐसा ही कुछ पानीपत के एक पहलवान के साथ हुआ। हम बात कर रहे हैं राजनगर के पहलवान सागर की। उनका पहले बहुत कमजोर शरीर था। जिस पर लोग तंज कसते थे।
लेकिन उन्होंने कभी किसी को पलट कर जवाब नहीं दिया। उन्होंने हमेशा सोचा कि जब कामयाब हो जाऊंगा, तो जवाब अपने आप मिल जाएगा। इसलिए वह बहुत मेहनत किया करते थे। अब उन्होंने अंदर 20 विश्व कुश्ती चैंपियन में रजत पदक को अपने नाम किया है।
यह प्रतियोगिता अम्मा में हुई। सागर की उम्र 18 वर्ष है। उन्होंने 79 किलोग्राम भार में बुल्गारिया के पहलवान को 15- 04, जॉर्डन के पहलवान को 11- 0 और अमेरिका के पहलवान को 16- 6 से हराया और फाइनल राउंड के लिए चुने गए।
वह फाइनल राउंड में रूस के पहलवान से 17- 6 से हार गए और रजत पदक हासिल किया। सागर के पिता मुकेश जागलान ने बताया कि सागर बचपन से काफी कमजोर था और कमजोर शरीर पर उसके दोस्त बहुत ताना मारते थे। उसने ठान लिया था कि बेटे को न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बल्कि नामचीन पहलवान बनाना है।
सागर को खरखोदा में कुश्ती कोच अश्वनी दहिया के पास प्रैक्टिस के लिए भेजा। सागर ने बहुत मेहनत की और उसके बाद सफलता को भी पाया। जो बच्चे उसका मजाक उड़ाते थे, अब वह उसकी सफलता पर तालियां बजाते हैं सागर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में 20 से भी ज्यादा पदक जीत चुका है। इस कड़ी में सागर ने दो बार भारत कुमार और तीन बार हरियाणा कुमार का किताब जीता है।