हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज सोनीपत जिला के गांव झरोठी में आयोजित किसानों के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हाल ही में ओलावृष्टि से जिन भी गांवों के किसानों की फसल खराब हुई है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा और यह मुआवजा वर्तमान में 12 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे मुआवजे से ज्यादा होगा। आगामी होने वाली कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने गांव झरोठी में किसानों के लिए अनेक घोषणाएं की और कहा कि वे स्वयं एक किसान के बेटे हैं। पूरा हरियाणा उनके परिवार के समान है।

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अन्त्योदय की भावना से काम किया जा रहा है। हरियाणा किसानों की धरती है। किसान जब खुशहाल होता है तो दुकानदार, कर्मचारी, व्यापारी, कारखाना चलाने वाले लोगों को भी फायदा होता है।
उन्होंने कहा कि महामारी में प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये दिए गए। 2015 में जब बारिश के कारण फसल खराब हुई थी तब किसानों के खाते में डेढ़ माह में खराबे का पैसा डाल दिया गया। पूर्व की सरकारों में दो, चार व 10 रुपये तक के चैक भी किसानों को दिए गए।

उन्होंने प्रदेश में जब सत्ता संभाली तो यह तय किया गया कि 500 रुपये से कम किसी भी किसान का चैक नहीं बनेगा। पूर्व की सरकारों में फसल खराबे के मुआवजे के प्रति एकड़ 5700 रुपये दिए जाते थे। बाद में 7500 किए गए। सरकार बनने पर हमने 12 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा तय किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के दर्द को समझते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि दो एकड़ से कम जमीन में बुआई करने वाले किसानों की फसल का प्रीमियम प्रदेश सरकार वहन करेगी। दो से पांच एकड तक की बुआई करने वाले किसानों की जमीन की फसल बीमा किश्त आधी प्रदेश सरकार देगी तथा पांच एकड़ से अधिक बुआई करने वाले किसानों से उन्होंने अपील की कि वे अपना प्रीमियम स्वयं भरें क्योंकि वे सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि यह मुआवजा खेती करने वाले व्यक्ति को दिया जाएगा क्योंकि कई बार किसान दूसरों की जमीन लेकर उस पर खेती करते है, इसलिए ही यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसल की बुआई के 15 दिन या एक माह के अन्दर स्थानीय सीएससी पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और वहां पर जाकर जिस खसरे और नम्बर की जमीन पर वह खेती कर रहा है उसको चढवाना होगा। उसके बाद ही वह किसान इस योजना का हकदार होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2015 में लोगों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निपटान करने के लिए सीएम विंडों की व्यवस्था की गई है। अब तक सीएम विंडों पर साढे 9 लाख शिकायतें आ चुकी है जिनमें से साढ़े आठ लाख समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए 137 छोटे और 40 सीनियर सेकेंडरी माडल संस्कृति स्कूल खोले गए है।
यहीं कारण रहा कि सरकारी स्कूलों में पिछली बार की बदौलत ढाई लाख बच्चे अबकी बार बढे है। अध्यापकों पर पढाने के लिए विशेष बल दिया गया है और इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। वर्तमान सरकार में नौकरियां मेरिट पर दी जा रही है और यहीं कारण है कि सामान्य घरों के बच्चे अच्छे पदों पर आ रहे है।
सोनीपत के गांव झरोठी पहुंचकर ओलावृष्टि के कारण हुए फसल नुकसान का जायजा लिया व तुरंत अधिकारियों को गिरदावरी कर किसानों को उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए। इस दौरान वहां किसान भाइयों को संबोधित भी किया।
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 6, 2021
हम पिछले 7 वर्षों से किसानों के हित और हक़ के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। pic.twitter.com/jadMIQeJS3
मनोहर लाल ने कहा कि वे गोहाना, जुलाना और खरखौदा हलके के गांवों का फसल खराबें को लेकर हवाई निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि खेतों में से मिट्टी न उठवाएं। प्रदेश सरकार एक ऐसी योजना बना रही है जिसमें प्रदेश की एक लाख एकड़ ऐसी जमीन की मरम्मत की जाएगी जहां से मिट्टी उठवाई जा चुकी और जहां पर पानी भराव की समस्या स्थिति को खराब कर रही है। इस बारे में शीघ्र ही योजना बनाकर इसे लागू किया जाएगा। इसमें आधा खर्च सरकार वहन करेगी और आधा खर्च जमीन के मालिक को खुद देना होगा।

उन्होंने अपील की कि दिल्ली के नजदीक होने के कारण यहां सब्जी इत्यादि की संभावानएं ज्यादा है इसलिए लोग हरा चारा, बाग, सब्जी इत्यादि बोने पर जोर दे। सरकार से इस बारे पूरा सहयोग दिया जाएगा। वर्तमान में सरकार बागवानी पर 20 प्रतिशत और सुक्ष्म सिंचाई पर 85 प्रतिशत सबसीडी दे रही है। इसका लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाए।