हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने कहा है कि राज्य सरकार ने पंचकूला और फरीदाबाद के नगर निगम में हुए करोड़ों रुपये के घोटालों की जांच राज्य चौकसी ब्यूरो से करवाने का निर्णय लिया है, ताकि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा सके।उन्होंने बताया कि राज्य चौकसी ब्यूरो के अधिकारी फरीदाबाद नगर निगम में लेखा विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना काम के किए गए भुगतान की जांच करेंगे।
अनिल विज ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम के बहुत सारे वार्डों में करोड़ों रुपये का भुगतान दिखाया गया।अधिकांश पार्षदों से बात करने पर पता चला कि उनके वार्डों में यह काम हुए ही नहीं हैं।388 कार्यों के लिए कुल 23 करोड़ 79 लाख 72 हजार 990 रुपये भुगतान होने का पता चला। शिकायतकर्ता पार्षदों के अनुसार इन 388 कार्यों में से एक भी कार्य ठेकेदार व संबंधित अधिकारी दिखाने में विफल रहे हैं।
अनिल विज ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम में बिना कार्य किए कार्यों के फर्जी वाउचर तैयार करने, ठेकेदार से मिलीभगत करने में मदद करने, पैमाईश पुस्तिका में दर्ज फर्जी इंद्राज करने, निरीक्षण के समय जानबूझकर पैमाईश प्रस्तुत न करने तथा नगर निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने की जांच चौकसी ब्यूरो द्वारा की जाएगी।
इसी प्रकार अनिल विज ने पंचकूला नगर निगम में बायो-रेमेडियेशन ऑफ लीगेसी वेस्ट घोटाले के संबंध में बताया कि प्रदेश सरकार ने इस घोटाले की जांच भी राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंप दी है। इस घोटाले में भी कचरा निस्तारण के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है।
इस घोटाले की जांच की मांग पंचकूला के वार्ड-2 के पार्षद समेत अन्य लोगों ने की है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि एक ही काम के लिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति द्वारा अलग-अलग फर्मों के नाम से अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया।
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक पंचकूला में दोनों फर्मों का मालिक एक ही है। इसी प्रकार एजेंसी द्वारा परफॉरमेंस गांरटी जमा कराए बिना टेंडर अलॉट किया गया। वेटब्रिज पर न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और न ही बैकअप स्टोर करने का प्रावधान किया गया।
ऐसे ही कोई क्वालिटी कंट्रोल लैब स्थापित नहीं की गई है और कचरा से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है. कूडा-करकट तौलने में भारी गदंबाद पाई गई है।
इसी तरह, पंचकूला नगर निगम के मातहत कूडा-करकट को एकत्रित करने की क्षमता प्लांट में 400 से 500 एमटी की है, जबकि 800 एमटी से लेकर 1200 एमटी की पेमेंट दिखाई गई है। आईएनटी सॉल्यूशन और पार्वती इंटरप्राइजेज की टेंडर में हिस्सेदारी है, ये दोनों कंपनियां एक ही परिवार की हैं।
पंचकूला नगर निगम द्वारा 5 करोड़ के भुगतान को भी कर दिया गया, जिसमें अधिकारियों व ठेकेदारों की संलिप्तता की जांच राज्य चौकसी ब्यूरो करेगा।