Homeपढ़ाई लिखाईहरियाणा: पिछड़े वर्ग के आरक्षण नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब इन...

हरियाणा: पिछड़े वर्ग के आरक्षण नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब इन लोगों को नहीं मिलेगा फायदा

Published on

हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के लिए सरकारी सेवाओं में नौकरी तथा शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के सम्बंध में आरक्षण अधिनियम 2016 में संशोधन करते हुए पिछड़े वर्गों से नवोन्नत व्यक्तियों के निष्कासन के लिए नए मानदंड अधिसूचित किए हैं। हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग द्वारा इस आशय की जारी एक अधिसूचना की जानकारी राज्य के सभी प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल, सभी बोर्डों, निगमों व संस्थानों के प्रबन्ध निदेशकों व मुख्य प्रशासकों, अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, रोहतक, करनाल तथा फरीदाबाद मण्डलों के आयुक्तों, सभी जिला उपायुक्तों, उप-मण्डल अधिकारी (नागरिक) तथा सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को प्रेषित की गई है।

अधिसूचना अनुसार संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति/संवैधानिक व्यक्तित्व जैसे भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, संघ लोक सेवा आयोग और राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष तथा सदस्य, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, इसी तरह के अन्य संवैधानिक पदों को धारण करने वाले व्यक्ति तथा सांसद या विधायक के पुत्र व पुत्रियां आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे।

इसी प्रकार, अधिसूचना अनुसार अखिल भारतीय, केन्द्रीय तथा राज्य सेवाओं  के वर्ग क और वर्ग ख/श्रेणी-I और श्रेणी-II के अधिकारियों के पुत्र व पुत्रियों, जिनके माता-पिता में से एक या दोनों इन श्रेणियों में सेवारत है और तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे बैंकों, बीमा संगठनों में समकक्ष या समतुल्य पदों को धारण करने वाले अधिकारियों के पुत्र व पुत्रियों के लिए ये निर्देश यथा आवश्यक परिवर्तन सहित लागू होंगे।

इनके बच्चों को भी नही मिलेगा आरक्षण

इसके अलावा, सशस्त्र बलों तथा अर्ध सैनिक बलों में (सिविल पदों को धारण करने वाले अधिकारी शामिल नहीं हैं) माता-पिता में से एक या दोनों सेना में मेजर या उससे उच्च पद पर या जल सेना या वायु सेना या अर्ध सैनिक बलों में समकक्ष पद पर हैं, के पुत्र या पुत्रियों को भी आरक्षण  का लाभ नहीं मिलेगा।

अधिसूचना अनुसार किसी परिवार, जिनके स्वामित्व में हरियाणा भूमि-जोत की अधिकतम सीमा अधिनियम, 1972 की धारा 26 के अधीन अनुज्ञेय भूमि से अधिक भूमि का स्वामित्व है, के बच्चों और जिन परिवारों की सभी स्रोतों से छः लाख रुपये या उससे अधिक की सकल वार्षिक आय वाले अथवा अधिकतम तीन निरंतर वर्षों की अवधि के लिए 1 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पदा है, के बच्चों को भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

Latest articles

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के खिलाड़ी लेकर आते हैं। खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए...

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। बात करें,...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर आती है।  इसी प्रकार से अभी सरकारी स्कूलों में...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में...

More like this

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में...