जैसा कि आप सभी को पता ही है आज जगह जगह पर अतिक्रमण हो रहा है। सरकार इसे रोकने के लिए काफी तरीके अपना रही है मगर एक बार हटाने के बाद दोबारा से उस जगह पर अतिक्रमण शुरू हो जाता है। तो उसी को देखते हुए लोगों लोगों ने रेलवे पर भी अतिक्रमण करना शुरू कर दिया था। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट एक अहम फैसला सुनाया है। जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़ें।
आपको बता दे, सरकारी जमीनों और रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण होता रहता है और इसके अधिकारियों ने वर्षों से आखें बंद कर रखी है। पता होने के बावजूद भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाती। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के सूरत और हरियाणा के फरीदाबाद में रेलवे की जमीन पर अवैध झुग्गियों को पनपने देने के जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जमीन की मालिक रेलवे और स्थानीय प्रशासन व राज्य सरकार उन अधिकारियों और दोषी लोगों के खिलाफ उचित कार्यवाही करें। जिन्होंने अतिक्रमण को फैलने दिया और अपनी आंख बंद कर कर उनके ऊपर कोई कार्य नहीं किया।

यह आदेश जस्टिस एएम खानविल्कर, जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने गुजरात के सूरत और हरियाणा में फरीदाबाद के संजय नगर में रेलवे लाइन के किनारे रेलवे की जमीन पर बनीं अवैध झुग्गियों के मामले में सुनवाई के बाद दिए। इस मामले में कोर्ट ने 16 दिसंबर को सुनवाई की थी और उस दौरान देशभर में चारों ओर पैदा हुएअतिक्रमण पर तीखी टिप्पणियां भी की थीं।

आपको बता दें सुनवाई के आदेश वेबसाइट पर भी अपलोड किए गए। आदेश में कोर्ट ने अतिक्रमण को अनदेखा करने वाले और समय पर उसे ना हटाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। अतिक्रमण को बढ़ावा देने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्यवाही होगी।

इस आदेश को कोर्ट ने और सख्त करने के लिए लिखा कि रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले वालों के खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्यवाही करने का अधिकार है। अतिक्रमण की बात आते ही जो अधिकारी कार्यवाही नहीं करते उनके ऊपर भी कार्यवाही होगी।

कोर्ट ने इस मामले को 28 जनवरी को फिर सुनवाई पर लगाने के आदेश भी दिए हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि सभी लोग अपनी जोगिया हटा ले। आदेश देते हुए रेलवे बोर्ड, नगर निगम और सरकार राज्य सरकारों को तब तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।