Homeपढ़ाई लिखाईहरियाणा के इस युवक को कम सुनने की वजह से नही मिली...

हरियाणा के इस युवक को कम सुनने की वजह से नही मिली थी चपरासी की नौकरी, आज बन गया है IAS

Published on

जैसा कि आपको पता ही है, समय परिवर्तनशील है। किसी का भी समय एक जैसा नही रहता, हमेशा ऊपर नीचे चलता रहता है। इसीलिए कहा जाता है, हमे कभी किसी के बारे में गलत नही कहना चाहिए और ना ही किसी के साथ गलत करना चाहिए। हमे कभी किसी को जज नही करना चाहिए। आज ऐसी एक युवक की कहानी हम आपको बताने वाले है, जो हरियाणा का रहने वाला है।

आपको बता दे उसे सिर्फ कम सुनाई देता था, इसी वजह से उसे चपरासी की नौकरी नही दे गई। उसे चपरासी की नौकरी देने की बजाय धमकाकर भगा दिया गया था। लेकिन अब इस व्यक्ति ने अपनी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर दिया जिससे हर जगह उसकी वाहवाही हो रही है। जाने ऐसा क्या किया।

आपको बता दे,  इस व्यक्ति ने अपनी मेहनत और काबिलियत से खुद को बुलंदी तक पहुंचाया। उसने अपनी पूरी लगन से आईएएस अफसर बनकर दिखाया। बता दे, यह कहानी हरियाणा के मेवात या पलवल जिले के डीसी रहे मनीराम शर्मा की है। मनीराम मूल रूप से राजस्थान के अलवर में छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता मजदूरी करते थे, जिससे उनका परिवार का गुजर बसर कर कर रहन था।

आपको बता दे, उनकी मां दृष्टिहीन थी। वह ख़ुद भी बहरेपन की चपेट में थे। उनके गांव में कोई भी स्कूल नहीं था।  जिस वजह से उन्हें पढ़ने के लिए 5 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ता था। उन्होंने 12 वी तक इसी स्कूल से पढ़ाई की। पढ़ाई में अव्वल होने की वजह से मनीराम ने 10 वी और 12 वी में टॉप किया।

आपको बता दे, मनीराम के पिता अपने बेटे की नौकरी के लिए बीडिओ के पास गए और उनसे मनीराम को चपरासी की नौकरी देने के लिए कहा। परन्तु अधिकारी ने मनीराम के बहरा होने का हवाला देते हुए नौकरी देने से साफ मना कर दिया।

आपको बता दे, जब पिता ने मनीराम को अपने दुख का कारण बताया, तों बेटे ने कहा कि आप दुखी मत हो, मैं और ज्यादा पढूगा  और एक दिन बड़ा अफसर बनकर दिखाऊंगा। उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अलवर आ गए। पीएचडी करने के बाद मनीराम ने यूपीएससी करने की करने का निश्चय किया।

आपको बता दे, इससे पहले उन्होंने राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास की,  जिसके बाद उन्हें क्लर्क की नौकरी मिल गई। फिर उन्होंने विश्वविद्यालय में परीक्षा में टॉप किया और नेट की परीक्षा को पास करते हुए लेक्चरर बन गया।

बता दे, उन्होंने 2005, 2006,  2009 में यूपीएससी की परीक्षा  पास की, परंतु हर बार बहरा होने की वजह से उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने अपने कान का ऑपरेशन करवाया जिसमें ₹800000 का खर्च आया। इसके बाद 2009 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और वह पास हो गए और उन्हें आईएएस के रैंक हासिल हुई।

Latest articles

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के खिलाड़ी लेकर आते हैं। खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए...

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। बात करें,...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर आती है।  इसी प्रकार से अभी सरकारी स्कूलों में...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में...

More like this

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में...