एक पुलिस अधिकारी के रूप में करियर को समाज में सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक माना जाता है। यदि आपको समाज की सेवा करने का शौक है, तो पुलिस विभाग को चुनना सबसे सफल और सही करियर विकल्प है। भारत में पुलिस अधिकारियों के लिए कई पदनाम हैं। भारतीय पुलिस में अलग-अलग रैंक के अफसर होते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इन सभी के बारे में नहीं जानते हैं।
वैसे ये कोई बहुत जटिल काम नहीं है और आप इनके बैज को देखकर पता लगा सकते है कि इनमें फर्क क्या है। इंस्पेक्टर से उच्च पद होता है डीएसपी (DSP) का, DSP की वर्दी में कंधे पर तीन स्टार लगे होते हैं। अडिश्नल डिप्टी कमिश्नर या अडिश्नल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) का पद डीएसपी (DSP) से उच्च का होता है। एएसपी की वर्दी पर एक अशोक स्तंभ होता है।
एसीपी और डीसीपी के ये दोनों ही पद पुलिस विभाग के अंर्तगत आते हैं ये दोनों पद एक सम्मानजनक पद होते हैं, जिन्हे प्राप्त करने के लिए लोगों को बहुत अधिक मेहनत करनी होती हैं, जिसके बाद वो ये पद प्राप्त करने में कामयाब हो पाते है। जो लोग इन दोनों पदों को प्राप्त कर लेते हैं उन्हें सम्मान के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी प्रदान की जाती है। डीसीपी का फुल फॉर्म “डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस” होता है। इसे हिंदी भाषा में “सहायक पुलिस उपायुक्त” कहा जाता है।
इस पद को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को दी जाने वाली पुलिस वर्दी पर अशोक स्तम्भ और 3 स्टार लगे हुए होते है। वर्दी पर लगे इन स्टारों से ही डीसीपी की पहचान की जाती है क्योंकि, कई स्थानों पर एसएसपी को डीसीपी कहा जाता है तो कई जगहों पर एसपी को डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस कहा जाता है लेकिन इन स्थानों पर एसीपी कहे जाने वाले पुलिस वालों की वर्दी पर स्तम्भ के साथ केवल एक ही स्टार लगा होता है।