तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से भी ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन की यादें अभी लोगों के जेहन से उतरी भी नहीं थी कि एक बार फिर कुछ मुद्दों को लेकर किसान लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को सात जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, जींद व करनाल से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर- ट्राली व अन्य वाहनों से करनाल लघु सचिवालय के सामने एकत्रित हुए और धरना-प्रदर्शन शुरू किया। दिल्ली की सीमाओं पर चलें आंदोलन की तरह किसान यहां भी पूरी तैयारी के साथ पहुंचे हैं।
तिरपाल से ढकी ट्रालियां, खाने का सामान, गद्दे, बिस्तर इत्यादि सामान को देखकर आभास हो रहा है कि किसान फिर आंदोलन के मूड में है। किसानों के हाथ में इस बार 13 सूत्रीय मांगपत्र है।
पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में दक्षिण हरियाणा के जिलों से हजारों की संख्या में किसान सीएम सिटी करनाल में एकजुट हो गए हैं।
गौरतलब है कि इस समिति ने कई दिन पहले ही करनाल से प्रदेशव्यापी संघर्ष का बिगुल बजाने की घोषणा कर दी थी। सोमवार को फिर से कहा है कि मंगलवार दोपहर धरनास्थल से बड़े आंदोलन की नींव रखी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जगदीप औलख, आईटी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह मेहला, अन्य किसान संगठनों के पदाधिकारीयों के अलावा अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों ने भी धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों को संबोधित किया और उनकी हौसला-अफजाई की।
इन किसान नेताओं का कहना है कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हजारों की तादाद में किसानों ने रात में ही करनाल में डेरा डाल दिया है।
धार्मिक संस्थाओं की ओर से किसानों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। मंगलवार को फिर से लघु सचिवालय के सामने धरने पर डटेगे।
आगामी आंदोलन की क्या रुपरेखा होगी, इसका खुलासा मंगलवार को धरनास्थल पर ही होगा। फिलहाल किसान एक बार फिर से आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं जो मनोहर सरकार के लिए फिर से मुसीबत खड़ी हो सकती है।