बुलंद हौंसलो और कड़ी मेहनत से जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आज भी ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत के जरिये ही अपने सपनों को पूरा किया है। आज ऐसी ही एक महिला अफसर की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो आज सिर्फ लड़कियों के लिए ही नहीं बल्कि हर स्टूडेंट के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव बसई की रहने वाली 24 वर्षीय ममता यादव ने 2020 UPSC परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक हासिल की। हरियाणा में जहां ममता रहती है, वहां पहली बार कोई महिला आईएएस अधिकारी बनी है। इसकी सूचना मिलते ही पूरे गांव में खुशी का माहोल था ।

रेलवे की नौकरी छोड़ बनी आईएएस अफसर
2020 में ममता ने यूपीएससी की परीक्षा दी। तब उनकी रैंक 556 थी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। लेकिन ममता यादव इससे संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने फिर से कड़ी मेहनत करने के बाद यह परीक्षा दी और 551 रैंक के सुधार के साथ ऑल इंडिया में 5वां रैंक हासिल किया। बहुत कम लोग होते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा और रोल मॉडल बनते हैं।

ममता यादव अपने गांव की पहली महिला हैं, जो सिविल सेवा में शामिल हुईं और आईएएस बनीं। इस मुकाम को पाकर गांव के साथ-साथ परिवार का हर बच्चा बेहद खुश है। उम्मीद है कि इस सफलता से गांव में नई रोशनी फैलेगी और लड़कियां भविष्य में आईएएस, आईपीएस अधिकारी भी बनेंगी।