यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) को ऐसी परीक्षा के रूप में देखा जाता है जो मेहनत के साथ-सथ जिद और जुनून. भी मांगती है। यही कारण है कि लगातार प्रयासों के बाद भी केवल कुछ ही लोग इसे पार कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी आईपीएस अधिकारी (IPSC Officer) की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने देश के विकास के लिए विदेशी नौकरी को पीछे छोड़ जिद और जुनून की इसी दास्तान पर अपना नाम दर्ज कराया. ये है आईपीएस पूजा यादव की कहानी।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता
आपको बता दें कि पूजा यादव मूल रूप से हरियाणा (Haryana) की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी एमटेक की पढ़ाई करने के बाद कनाडा और जर्मनीजैसे देशों में काम किया है. पूजा ने अपनी स्कूली शिक्षा भी हरियाणा में पूरी की है. शुरुआती दौर से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थीं जिसके बाद उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी और फूड टेक्नोलॉजी में एमटेक किया और फिर वह नौकरी के लिए कनाडा और फिर जर्मनी जैसे देशों में चली गईं।

कुछ साल करने के बाद उन्होंने महसूस किया कि जिस देश ने उन्हें पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया कि वह नौकरी कर सके उसकी जगह वो अब, दूसरे देश के विकास के लिए काम कर रही हैं. यह बात उन्हें थोड़ी ठीक नहीं लगी भारत के लिए उनके दिल में प्यार हमेशा से ही था। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया और यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की. पूजा को अपने पहले प्रयास में असफलता हाथ लगी.

अपनी पूरी जर्नी पर आईपीएस पूजा यादव का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है. कई बार उम्मीदवार को निराशा का सामान होता है ऐसा लगता है कि जैसे सब खत्म हो रहा है. लेकिन उम्मीदवार को तैयारी के साथ-साथ अपने शौक को भी समय देना जरूरी है.
इससे उम्मीदवार अपने दिमाग को खुशनुमा और ताजा कर सकते हैं। जिससे आउटपुट काफी बेहतर होगा. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही महिला कैंडिडेट्स से पूजा खासतौर पर कहती हैं कि समाज कई बार आपको डिमोटिवेट कर सकता है. लेकिन आपको अपना ध्यान केवल लक्ष्य पर टिकाए रखना है अंत में जीत आपकी ही होगी।