जैसा कि आप सभी को पता है इन दिनों पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ़ मोदी की राजनैतिक पार्टी बीजेपी का बोल बाला है। वह इन दिनों सारे देश में अपनी जीत का परचम लहरा रहे हैं। वह चाहे विधान सभा के चुनाव हो या सरपंची के सब मे बीजेपी के उमीदवार ही जीत रहें है।

लेकिन बीजेपी की इसी जीत के बीच ही एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बीजेपी के उमीदवार की ही नहीं बल्कि सभी राजनैतिक दलों के उम्मीदवार की हार हुई है। जिस राजनैतिक दल के उमीदवार से इन सभी दलों के उम्मीदवारों की हार हुई है,वो दल कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस है।

जी हां आपने बिल्कुल सही सुना ये राजनैतिक दल कांग्रेस है। दरअसल हरियाणा के सिरसा जिले के गांव चौटाला में दूसरे चरण के पंचायती राज के चुनाव हुए थे। जिसमें गांव चौटाला के भाजपा,जजपा और इनेलो जैसी सभी पार्टियों के सरपंच पद के उमीदवार हार गए। और कांग्रेस पार्टी के सरपंच पद के उमीदवार चुनाव जीत गए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चौटाला गांव से बहुत से बड़े बड़े राजनताओ का संबंध है, जैसे उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल,डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला,इनेलो नेता ओमप्रकाश चौटाला व अभय चौटाला और बिजली मंत्री रणजीत चौटाला।इन सब का यहां से संबंध होने के बाद भी वे अपनी पार्टी के उमीदवार को जीत नहीं दिला सकें। बल्कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सरपंच पद के उमीदवार सुभाष बिश्नोई ने जीत हासिल कर ली।

इन सभी राजनीतिक घरानों के समर्थित उम्मीदवारों की हार कैसे हुई, ये एक व्यक्ति ने मीडिया को बताया। जिस व्यक्ति ने मीडिया को यह बात बताई वह ओमप्रकाश हिटलर के बेटे संजय सिहाग है। दरअसल उन्होंने बताया कि
इन सभी बड़े नेताओं का जन्म चौटाला गांव में हुआ, लेकिन इसके बाद भी उन्हें इस गांव से कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने बताया कि इन सब के इतने अच्छे पद पर होने के बाद भी गांव में अनेक समस्या है। गांव में साफ़ पीने का पानी तक भी नहीं है, लोग अब भी ट्यूबवेल का पानी पीते हैं।इसके अलावा जलघर दो दिन में खाली हो जाते हैं, जिसमें कुत्ते बैठे रहते हैं।इसके साथ ही गांव में खुला नशा बिकता है, जिस से युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है। इन सब नेताओ को पता होने के बाद भी ये चुप है।