हमारे देश में बरसो से ही एक प्रथा चलती आ रही हैं कि लड़की के शादी के वक्त लड़की का मामा उसका भात भरता है। बरसों से चली आ रही ये प्रथा कभी कभी दुःख का भी कारण बन जाती हैं। क्योंकि जब किसी का भाई नहीं होता तो ये सारी रस्में कोई पूरी नहीं कर पाता, लेकिन जब बहने हरियाणा के जिंद जिले की जैसी होती हैं तो ऐसी रस्मों के वक्त भाई की याद भी नहीं आती।

दरअसल अभी हाल ही में हरियाणा के जींद के बुड्ढा खेड़ा गांव की रहने वाली दो बहनों ने अपनी भांजी का भात भरा है। जब इन दोनों बहनों ने अपनी भांजी का भात भरा तो गांव वालों ने इन दोनों भातियों का खास तरीके से स्वागत किया। बता दें कि ये भांजी हरियाणा के पानीपत जिले के गांव धनसोली की रहने वाली हैं। यह सुरेंद्र और सरोज की बेटी हैं, इनका नाम खुशबू हैं। उनकी शादी सोनीपत के गांव खेड़ी मनाजात में हुई है।

जानकारी के लिए बता दें कि खुशबू की मां सरोज का मायका जींद के बुड्ढा खेड़ा में है, उनका कोई सगा भाई नहीं है। ये उनके घर का पहला भात था, इसलिए उनका ये भात उनकी चचेरी बहन सिमरन और गगनदीप ने भरा। उनकी चचेरी बहन सिमरन खानपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। वहीं गगनदीप दिल्ली में Bsc की पढ़ाई कर रही है।
इस अवसर पर सिमरन और गगनदीप की भांजी और सरोज की बेटी खुशबू ने कहा कि,” मामा नहीं है तो क्या हुआ मेरी मौसी तो है, जिन्होंने आज पूरे समाज के सामने मिसाल पेश की है।” बता दें कि सिमरन और गगनदीप ने भात मे पूरे 1.01 लाख रुपए नकद, 11000 की माला, एक तोले सोना तथा 200 ग्राम चांदी के गहने दिए हैं।