टमाटर के दाम पहले से ही आसमान छू रहे हैं लेकिन, अब दालों की महंगाई ने आम आदमी की जेब पर और ज्यादा बोझ डाल दिया है. ऐसे में सरकार की ओर से एक और बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. केन्द्र सरकार ने कम दाम पर दालें बेचने का फैसला किया है और इस ओर कदम उठाए गए हैं. हालांकि, कुछ जगहों पर सस्ती दाल बेचना शुरु भी किया जा चुका है. अरहर, मूंग और उड़द दाल के रेट पर काबू पाने के लिए सरकार ने अब चना दाल बेचने का ऐलान किया है. भारत दाल ब्रांड के तहत उपभोक्ताओं को चने की दाल अब 62 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी. इसे देशभर के 705 भंडारगृहों पर बेचा जाएगा.

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर दाल उपलब्ध कराने के लिए सोमवार को सब्सिडी वाली चना दाल की बिक्री शुरू की. भारत दाल ब्रांड नाम के तहत चना दाल की बिक्री एक किलोग्राम पैक के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू हो गई है.

सरकार के चने के स्टॉक को चना दाल में परिवर्तित कर उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दाल उपलब्ध कराने की दिशा में यह केंद्र सरकार का एक बड़ा कदम है. चना दाल केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को उनकी कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, जेलों में आपूर्ति और उपभोक्ता सहकारी दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए उपलब्ध कराई जाती है. चना भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली दलहनी फसल है. देश में चना दाल का सेवन कई रूपों में किया जाता है.

देश में लगातार दालों की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. एक साल में अरहर दाल के दामों में लगभग 30 से 32 फीसद तक बढोतरी देखने को मिली है. हालांकि, पिछले महीने की बात करें तो जून में ही दालों की कीमतों में 32 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी गई है. इससे लोगों की जेब पर सीधा सीधा असर पड़ा है. पिछले महीने यानी जून में ही अरहर दाल की कीमत 7 फीसदी तक बढ़ चुकी है. दाल अरहर के साथ- साथ उड़द रेट और मूंग दाल रेट के दाम भी बढ़ गए हैं.

16 जुलाई तक अरहर दाल की कीमत पिछले एक साल की तुलना में 32 फीसदी बढ़कर 136.29 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. एक साल पहले इसकी कीमत 103.03 रुपये थी. एक महीने पहले अरहर दाल की कीमत 127.37 रुपये प्रति किलो थी. इस तरह अरहर के रेट में एक महीने में ही 9 रुपये से ज्यादा का इजाफा हो गया है.