इस समय हरियाणा की सबसे बड़ी समस्या टोल प्लाजा बने हुए हैं। लोगों को कुछ-कुछ दूरी पर ही टोल प्लाजा मिलते हैं। जिनसे उनके समय के साथ-साथ उनके पैसे के भी काफी बर्बादी होती है। इसी विषय में हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल प्लाजा होने का नियम स्वीकार किया था।
उन्होंने कहा था कि ऐसे टोल प्लाजा 3 महीने के अंदर हटा दिए जाएंगे। आपको बता दें, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI ने रिकॉर्ड निकलने और सभी तथ्यों को सामने रखा जायेगा।

अंबाला- दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की बात करें, तो मुरथल से लेकर पानीपत और करनाल तक तीन टोल प्लाजा होते हैं। जिनमें से एक को अब हटाया जाएगा। दूसरा यदि एक ही राजमार्ग पर 60 किलोमीटर के अंदर दो टोल प्लाजा है तो उन्हें कुछ दूरी पर बनाया जाएगा।

अंबाला, पानीपत, घरौंडा, सैनी माजरा, यमुनानगर, भिवानी, मोर वाला, हिसार, नरवाला, बड़ोपट्टी, चौधरी वास, मदीना, रामायण, भावदीन, सोनीपत- रोहद, मकरोली, छारा, झरोटी इन गांवों को आसपास छानबीन की जा रही है । हरियाणा पंजाब में 60 किलोमीटर के दायरे में 41 टोल प्लाजा है।

एक टोल प्लाजा को शिफ्ट करने में 12 करोड रुपए का खर्च आने की संभावना है। अब अगर 60 किलोमीटर के दायरे में 41 टोल प्लाजा को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा तो इसमें करीब 4.92 अरब रुपए का खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार नई नीति में एक टोल प्लाजा एनएच 1 के 60 किलोमीटर के अंदर और दूसरा एनएच पर लगाने पर विचार किया जा रहा है। यदि टोल प्लाजा शिफ्ट किया जाएगा तो टाल राशि में बढ़ोतरी होने की भी संभावना जताई जा रही है।