शहर के विकास की तस्वीर के तौर पर शहर में बन रहीं हाईराइज इमारतों को पेश किया जाता है, लेकिन इसकी हकीकत बेहद खतरनाक है। पूरे जिले में लगातार हाईराइज सोसायटियों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन उनमें रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर किसी का भी ध्यान नहीं है। अगर ऊपर की किसी मंजिल में आग लग जाए तो अग्निशमन विभाग के पास उसे बुझाने तक का इंतजाम नहीं है।
शनिवार रात सेक्टर 70 स्थित रॉयल हेरिटेज सोसायटी की 18 वीं मंजिल पर लगी आग के दौरान फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों की लाचारी साफ नजर आ रही थी। उनके पास आग बुझाने के लिए उपयुक्त सामान नहीं था।

फायर ब्रिगेड की गाड़ी से फेंकी जा रही पानी की धार भी वहां तक नहीं पहुंच पा रही थी। फायर ब्रिगेड के पास केवल 12 मीटर ऊंचाई तक पानी फेंकने की क्षमता वाली 14 मशीनें हैं। शहर में हाईराइज बिल्डिंग की संख्या तकरीबन 175 है। इनमें से अधिकतर की ऊंचाई 45 से 50 मीटर तक है। शहर में सबसे ऊंची इमारत आईटी पार्क है जिसकी ऊंचाई 58 मीटर है।

दिवाली पर हो सकती थी अनहोनी
बता दें कि नगर निगम की फायर सेफ्टी ब्रांच के पास हाइड्रोलिक मशीन ही नहीं है, जो इतनी ऊंचाई तक जाकर आग बुझा सके। दिवाली के दिन ग्रेटर फरीदाबाद की पाम रेजिडेंसी के 18 फ्लोर पर आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग को कई घंटों तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गनीमत रही कि किसी भी व्यक्ति को फ्लैट से रेस्क्यू नहीं करना था, वरना दिवाली के दिन का मंजर काफी भयावह होता।

इसी तरह 16 अक्टूबर को सिकरी स्थित एक ऑटो पार्ट्स बनाने वाली फैक्ट्री में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। इस आग में फैक्ट्री के दो कर्मचारी बुरी तरह से झुलस गए थे। वहीं 10 जुलाई को सेक्टर 16 स्थित एक रेस्तरां में रात में अचानक लगी भीषण आग के कारण सब कुछ जलकर राख हो गया था।

इसी तरह 12 मार्च को मथुरा रोड बड़खल फ्लाईओवर के पास सेक्टर 27ए स्थित एक पेंट की फैक्ट्री जल गई थी। ऐसे घटनाएं फरीदाबाद में अक्सर देखने को मिलती हैं।
गुरुग्राम से मंगानी पड़ती है हाइड्रोलिक मशीन

साल 2018 में गुरुग्राम से एक हाइड्रोलिक मशीन फरीदाबाद आई थी लेकिन पुरानी होने के कारण उसे भी फायर सेफ्टी बेड़े से निकाल दिया गया। अब अगर किसी ऊंची इमारत में आग लग जाती है तो गुरुग्राम से मशीन मंगानी पड़ती है और इसके लिए गाड़ी को पहुंचने में 1 घंटे से अधिक का समय लग जाता है।
आग बुझाने के आंतरिक उपाय

सभी हाईराइज इमारतों में आग बुझाने के आंतरिक उपाय भी किए जाते हैं लेकिन इनकी एक सीमा होती है। जरूरत पड़ने पर यह सुरक्षा उपाय काम नहीं आते। इमारतों में आग बुझाने के उपायों के तहत पानी का एक टैंक बनाया जाता है, जिसमें पानी एक निश्चित मात्रा में जमा रहता है। अगर आग के दौरान टैंक का पानी खत्म हो जाए, तो सिर्फ तबाही होगी इसके अलावा कोई चारा नहीं होगा।

जिला फायर अधिकारी सत्यवान समरीवाल का कहना है कि हाईराइज बिल्डिंगों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार को हाइड्रोलिक मशीन की खरीद के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उसका इस्तेमाल किया जा सके। हाइड्रोलिक मशीन कब तक आएगी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।