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बड़ा फैसला: इस तारीख से फरीदाबाद-गुरुग्राम सहित हरियाणा के इन जिलों में खुलने जा रहे हैं पहली से 9वीं तक के स्कूल

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हरियाणा में महामारी का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है। महामारी के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हुई। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा के कई जिलों में पहली से नौवीं तक के स्कूल वीरवार 10 फरवरी से खोलने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार इससे पहले दसवीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने का फैसला ले चुकी है। हरियाणा सरकार पर खासकर निजी स्कूल प्रबंधक लगातार दबाव बना रहे थे कि पहली से नौवीं तक के स्कूलों को भी खोला जाए। इसी को देखते हुए विभाग ने सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने के लिए प्रपोजल तैयार किया।

शिक्षा निदेशक जे गणेशन ने पहली से नौवीं तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाने का प्रस्ताव शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर के पास भेजा था। इसमें 10 फरवरी से स्कूलों को खोलने की सिफारिश की गई है। शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विचार-विमर्श के बाद अब स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया है। 

हरियाणा में अतिथि अध्यापकों को अब फिर से पहले की तरह आकस्मिक अवकाश (सीएल) मिले सकेंगे। अतिथि अध्यापकों की हड़ताल के चलते पिछले साल 30 दिसंबर को सरकार ने आकस्मिक अवकाश लेने पर रोक लगा दी थी।

सोमवार को शिक्षा निदेशक ने इस आदेश को वापस लेते हुए सीएल बहाल करने के निर्देश जारी कर दिए। वहीं, अतिथि अध्यापकों की सेवाएं बोर्ड परीक्षा और पेपर की जांच में भी ली जाएगी।

शिक्षा निदेशक द्वारा जारी सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी लिखित आदेशों में कहा गया है कि अतिथि अध्यापकों को जब परीक्षा केंद्रों का अधीक्षक या सुपरवाइजर बनाया जाता है तो कुछ स्थाई कर्मचारी इसका विरोध करते हैं।

उनका तर्क होता है कि अतिथि अध्यापक सही से ड्यूटी नहीं निभा सकते जो कि सही नहीं। इसलिए भविष्य में जब भी अतिथि अध्यापकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई जाए, उसका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए।

अतिथि अध्यापकों की हड़ताल को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई बैठक में आकस्मिक अवकाश और बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी का मुद्दा जोर-शोर से उठा था।

इसके बाद अतिथि शिक्षकों को सालाना 20 आकस्मिक अवकाश, बोर्ड ड्यूटी वरिष्ठता व कैडर के अनुसार लगाने, सेवा नियम बनाने, पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा, ग्रेच्युटी, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, मिस कैरिज अवकाश, जीआइएस खाता, 1000 रुपये मेडिकल भत्ता, मोरनी व मेवात क्षेत्र में कार्य करने वालों को 10 हजार रुपये अतिरिक्त मासिक वेतन, सेवानिवृति के बाद फिर से ज्वाइनिंग कराने पर सहमति बनी थी। अब सरकार ने इस समझौते को सिरे चढ़ाना शुरू कर दिया है।

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