हरियाणा का मौसम अब धीरे-धीरे साफ हो रहा है। दिन भी बड़े हो रहे हैं और ठंड भी कम होती जा रही है। लेकिन तीन पश्चिमी विक्षोभ का एक के बाद एक आगमन होगा। जिस कारण पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी इसका असर देखने को मिलेगा। पहाड़ों में बर्फबारी बढ़ने से रात के समय मैदानी इलाकों में ठंड अधिक महसूस होगी। वहीं दिन के समय मौसम साफ रहेगा, सूरज की चमक बरकार रहेगी जिससे ठंड से राहत मिलती रहेगी। दिसंबर में उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में शीत लहर की स्थिति देखने को नहीं मिली। हालांकि, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में ठंड के दिन बहुतायत में थे।
वहीं फरवरी का यह महीना पश्चिमी हिमालय में भारी बर्फबारी और उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट के साथ शुरू हुआ। बीते कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है और तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।

हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से नीचे है। अगले 2-3 दिनों में न्यूनतम तापमान में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। इसके बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है।

अगले सप्ताह के दौरान पश्चिमी हिमालय पर हल्की बर्फबारी जारी रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ की श्रृंखला जो पहाड़ी राज्यों की ओर बढ़ेगी, देश के उत्तरी भाग पर पश्चिमी हवाओं को हावी नहीं होने देगी। इसलिए न्यूनतम तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं होगी।
सक्रिय हो सकता है एक और पश्चिमी विक्षोभ

15 फरवरी तक हल्की बरसात और हिमपात संभव है। 16 से 20 फरवरी के बीच तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। मैदानी इलाकों में इसका ज्यादा असर नहीं होगा। पश्चिमी विक्षोभ के अभाव में नवंबर का महीना लगभग सूखा रहा। दिसंबर में कुछ पश्चिमी विक्षोभ देखने को मिले लेकिन उनमें से केवल दो ही तीव्र थे और परिणामस्वरूप अच्छी बर्फबारी हुई।
ठंड में बीतेंगे आने वाले दिन

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान का कहना है कि इस समय एक कमजोर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र श्रीलंका और उससे सटे इलाकों पर बना हुआ है।

मौसम विभाग का मानना है कि पहाड़ों में बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में ठंड के रूप में बना रहेगा। संभव है कि फरवरी के बचे दिन भी अच्छी-खासी ठंड में ही बीतेंगे। यह जरूर कहा जा सकता है कि अब सर्दी अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी है।