भारत कई राज्यों में लोग पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से काफी परेशान हो चुके हैं। बढ़ते दामों ने लोगों की जेब का भार बढ़ा दिया है। इस कारण ज्यादातर लोग सीएनजी या बिजली से चलने वाले वाहनों पर जोर दे रहे हैं। इन वाहनों से न ही पर्यावरण को नुकसान होगा और न ही लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा में पेट्रोल डीजल से चलने वाले 10 से 15 साल पुराने वाहनों बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। ऐसे में कई लोग जो अपनी गाड़ियों में सीएनजी और एलपीजी किट लगवाना चाहते हैं लेकिन कुछ वाहनों में इन किटों को लगवाना प्रतिबंधित है। लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से उन लोगों के लिए खुशखबरी आई है।
सरकार ने कुछ टाइप के वाहनों में इस तरह की किट लगाने की इजाजत दे दी है। हालांकि इसके कई कई मानदंड भी रखे गए हैं। लेकिन अब कई लोग बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं खबर को विस्तार से।
हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई जिसके तहत अब भारत स्टेज BS-6 वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट को लगवाने की मंजूरी दे दी गई है। वहीं इस अधिसूचना के अनुसार 3.5 टन भार वाले डीजल वाहनों को भी एलपीजी या सीएनजी इंजन में बदलवाया जा सकता है। इस फैसले से अब कई लोगों कों लाभ पहुँचने वाला है।
कुछ समय पहले ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसको लेकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखा था। फिलहाल बीएस-6 वाहनों को ही एलपीजी या सीएनजी रेट्रो फिटमेंट की सुविधा देने का फैसला किया गया है।
तय हुई यह लिमिट
जानकारी के अनुसार सीएनजी किट से रेट्रो फिटमेंट किए गए वाहनों को अप्रूवल 3 वर्षों तक मान्य रह सकेगा। इसे हर तीन वर्षों में रिन्यू कराने की जरूरत होगी। वहीं ये अप्रूवल भी विशेष रूप से निर्मित वाहनों को ही दिए जाने की बात भी कही जा रही है। हालांकि वाहन में किट को लगाने के लिए लिमिट भी तय की गई है।
जो वाहन 1500CC के हैं उनमें ±7% और 1500CC के वाहनों में ±5% की क्षमता के हिसाब से ही फिटमेंट की लिमिट तय की गई। वहीं सीएनजी वाहन और किट कंपोनेंट्स और उनके लगाने के साथ अनुबंध IX में दी गई सुरक्षा जांच के भी अनुरूप ही होंगे। इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रही है।