इस समय देश में जगह-जगह चुनावों को लेकर रैलियां, जनसभाएं निकाली जा रही हैं। बीते गुरुवार 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रधानमंत्री की रैली थी। जिसे कामयाब बनाने के लिए हरियाणा से 300 प्राइवेट बसें यूपी भेजी गई थीं। वहीं इतने दिन बीत जाने के बाद भी बस ऑपरेटरों को डीजल और टोल टैक्स का खर्चा नहीं दिया गया। यह सारा खर्चा इन्होंने अपनी जेब से भरा है। अब बीजेपी नेता ने बस का खर्चा देने से साफ इंकार कर दिया है।
प्राइवेट एसोसिएशन के राज्य प्रधान दलबीर मोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 10 फरवरी को सहारनपुर में पीएम की रैली थी। इसके लिए RTA की तरफ से आदेश दिए गए कि रैली के लिए बसें उपलब्ध कराई जाएं। हर जिले से थोड़ी-थोड़ी करके 300 से ज्यादा बसें इसके लिए भेजी गई।
उन्होंने आगे कहा कि जब एसोसिएशन ने RTA से खर्चे की मांग की तो उन्होंने अपना पलड़ा झाड़ते हुए कहा कि इसका खर्चा यूपी देगी। संबंधित प्रभारी नितिन चौधरी से जब जिला प्रधान ने बात की तो वे पैसे देने के लिए आनाकानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के दबाव में आकर उनको यह बसें देनी पड़ी। जो बसें हरियाणा में चलती हैं उन्हें यूपी बुलाया गया। इससे दैनिक यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्री केवल इन्हीं बसों के भरोसे रहते है और प्रशासन ने इन्हे रैली में ले जाने के आदेश दे दिए।
उन्होंने मीडिया के जरिए यह मांग की है कि इन बस संचालकों के डीजल, टोल और देहाड़ी का खर्चा जल्द एस जल्द दे। खर्चा न मिलने से सभी संचालक परेशानी में है। रैली के लिए गई बसों का संपूर्ण खर्चा करीब 60 लाख है।
उन्होंने बताया कि केवल डीजल और टोल का खर्चा करीब 30 लाख है। वहीं दिहाड़ी की बात करें तो यह करीब 15 लाख रुपए से अधिक है। इसके अलावा कई अन्य खर्चे भी हुए।