हथियार रखना अब महिलाओं की भी पसंद बन रहा है। अब तक पुरूष ही इसे स्टेटस सिंबल या सुरक्षा की दृष्टि से रखना पसंद करते थे। लेकिन अब लव-मैरिज करने वाली युवतियां अपने पार्टनर के नाम शस्त्र लाइसेंस न बनवा कर खुद के शस्त्र लाइसेंस बनवाने को तवज्जो दे रही हैं। वे ऑनर कीलिंग होने का डर बताकर पुलिस सुरक्षा न लेकर खुद का हथियार साथ रखना सही मान रही हैं। जिला में पिछले दिनों ऐसे कई महिलाओं ने शस्त्र लाइसेंस बनवा कर महंगे हथियार खरीदे हैं। अब तक कैथल जिला में 37 महिलाओं के शस्त्र लाइसेंस बन चुके हैं। वहीं जिला के लोगों में हथियार रखने का कितना जुनून चढ़ा है।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैथल में हर 115वें व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस बना हुआ है। बता दें कि जिला में फिलहाल 18 साल से ऊपर की कुल आबादी 8 लाख के करीब है। इसमें से 7022 लोगों के शस्त्र लाइसेंस बने हुए हैं। पंजाब सीमा से सटे गुहला चीका क्षेत्र के लोगों की संख्या बाकी जिला की तुलना में काफी ज्यादा है।
खास बात तो यह है कि जिन लोगों के शस्त्र लाइसेंस बने हुए हैं, वे काफी साल पुराने हैं। बीते सालों में काफी कम संख्या में यह लाइसेंस बने हैं। जबकि वर्ष 2015 से पहले हर साल सैंकड़ों लोगों के जिला में लाइसेंस बनाए जाते रहे हैं।
लाइसेंस के लिए लगती हैं नेताओ की सिफारिशें
इस समय लोगों पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने का जुनून सवार है। इसके लिए वह लाखों रुपए तक खर्च करने को तैयार हैं। साथ ही बड़े-बड़े नेताओं की सिफारिशें भी लगवाते हैं। जिस व्यक्ति का जिला प्रशासन द्वारा शस्त्र लाइसेंस बनाया जाता है। उससे रेडक्रॉस में 21 हजार की राशि डोनेट की जाती है और बकायदा इसकी रसीद भी दी जाती है। जिले में कई युवा ऐसे हैं जो स्टेटस सिंबल के तौर पर लाइसेंसी हथियार रखना चाहते हैं। इस पर वे लाखों रुपए खर्च कर महंगा हथियार खरीद कर ला रहे हैं।
ये हैं 2015 से लेकर अब तक के लोगों के शस्त्र लाइसेंस की संख्या
वर्ष शस्त्र – लाइसेंस संख्या
2015 – 143
2016 – 79
2017 – 117
2018 – 128
2019 – 45
2020 – 23
2021 – 51
2022 (अब तक) – 10
कुल – 596
प्रशासन हुआ सख्त: 8 माह में 17 शस्त्र लाइसेंस रद्द
अब जिला प्रशासन शस्त्र लाइसेंस धारकों के साथ सख्ती से पेश आ रहा है। अगर कोई भी लाइसेंस धारक किसी भी अपराधिक वारदात में शामिल पाया जाता है तो तुंरत उसके शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए जाते हैं। पिछले 8 माह के दौरान डीसी प्रदीप दहिया ने ऐसे 17 लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए हैं। इससे पहले कभी भी इतने कम समय में इतने लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द नहीं किए गए थे।
केस 1: जनवरी 2020 में ससुर ने लाइसेंसी बंदूक से पुत्रवधू का किया था कत्ल
जनवरी 2020 को शहर की भगत सिंह काॅलोनी में शराब के नशे में रिटायर्ड फौजी लालसिंह ने अपनी पुत्रवधू मंजू को मामूली सी कहासुनी में घर में रखी लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी। जिस पुत्रवधू की हत्या की गई वह प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका थी।
केस 2: अप्रैल 2020 में सब-इंस्पेक्टर ने रिवाॅल्वर से बेटे की हत्या की
अप्रैल 2020 में पुलिस लाइन की रिहायशी क्वार्टर में सब-इंस्पेक्टर सतबीर सिहं पर घरेलू कलह के चलते रिवाॅल्वर से फायरिंग करने का आरोप है। फायरिंग में उसके दो बेटे और पुत्रवधू घायल हो गए। एक बेटे की मौत भी हो गई थी। झगड़े की वजह मामूली कहासुनी बताई गई।
लगातार पकड़े जा रहे हैं अवैध हथियार
लाइसेंसी हथियारों की भरमार होने के बावजूद जिले में अवैध हथियारों के पकड़े जाने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले साल पुलिस ने 67 लोगों को 47 अवैध हथियारों के साथ पकड़ा था। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों से कुल 64 जिंदा कारतूस भी बरामद किए।
जांच-पड़ताल के बाद ही बनता है लाइसेंस
डीसी प्रदीप दहिया के अनुसार पुलिस की सिफारिश व पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही शस्त्र लाइसेंस बनाया जाता हैं। जिनके लिए यह जरूरी होता है उन्हीं के लिए इसे बनाया जाता है। लेकिन अब लव मैरिज करने वाले युवक-युवतियां भी ऑनर कीलिंग का डर बता लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं। यदि लाइसेंस धारक किसी भी प्रकार की अपराधिक गतिविधि में शामिल पाया जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। पिछले दिनों 17 लोगों के लाइसेंस रद्द किए गए।