स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की शुरुआत से पहले हरियाणा के 35 नगर परिषद और नगर पालिकाओं को खुले में शौच मुक्त होने की परीक्षा पास करनी होगी। इनमें से ज्यादातर के ओडीएफ प्लस और ओडीएफ प्लस-प्लस के सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुके हैं, जिनकी केंद्र सरकार की टीमें जांच के लिए पहुंच रही है। जबकि 12 पालिकाओं ने खुद से ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है, जिसके बाद ओडीएफ की टीम मौके का निरीक्षण करने के लिए पहुंचना शुरू हो गई है।
प्रदेश की 93 नगर परिषद और नगर पालिकाओं में से अब तक 12 ही ऐसी नप या नपा हैं, जो ओडीएफ प्लस-प्लस सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी हैं। इनमें अंबाला, गुरुग्राम, हिसार, घरौंडा, करनाल, नीलोखेड़ी, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, गन्नौर, रादौर और यमुनानगर ओडीएफ प्लस-प्लस सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके हैं।

वहीं थानेसर नगर परिषद के अलावा 11 ऐसे नप व नपा केंद्र हैं, जिनका सर्टिफिकेट अप्रैल, मई और जून में जाकर एक्सपायर होगा। वहीं 10 नोन ओडीएफ प्लस हैं और छह ऐसे नगर परिषद या नगर पालिका केंद्र हैं जो अपने टारगेट को एचीव नहीं कर पाएं। इनमें से ज्यादातर 2019 और 20 के बाद से ही अपने टारगेट को पूरा नहीं कर पाए हैं।
नगर परिषद की टीमें कर रही है निरीक्षण

ग्रीन अर्थ संस्था के पदाधिकारी डॉ. नरेश भारद्वाज का कहना है कि अगर किसी नप या नपा को एक सीढ़ी ऊपर बढ़ना हो है तो वह इसके लिए आवेदन करता है। अगर आवेदन नहीं करता तब भी टीमें आकर उसका पुन: मूल्यांकन करती है और सही पाए जाने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसके लिए बहुत से नगर परिषद क्षेत्रों में टीमें निरीक्षण कर भी रही हैं।
बुजुर्गों की राय नप के लिए जरूरी

आपको बता दें कि इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बुजुर्गों की राय को भी खास तवज्जो मिलेगी। इसके लिए भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की टीम बुजुर्गों से कुल 16 सवाल पूछेगी, जिसका जवाब हां मिलने पर 400 अंक नप के खाते में जुड़ जाएंगे। वहीं जवाब नहीं देने पर नंबर कट सकते हैं।

सिटीजन फीडबैक में नप को कितने अंक दिलाने है इसका इंचार्ज अब शहर के बुजुर्गों के कंधों पर आ गया है। वहीं 15 से 29 वर्ष के युवाओं की सहभागिता के लिए भी 200 अंक रखे गए हैं।