हरियाणा पुलिस में जल्द ही वाहन चालकों की कमी को दूर किया जाएगा। इस संबंध में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गृह विभाग अफसरों से मंथन करने के बाद तुरंत डिमांड भेजने को कहा है। हजारों की संख्या में चालकों की कमी दूर होने के साथ ही पुलिस में नफ़री बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं हरियाणा पुलिस में कूक और ग्रुप डी कर्मियों की कमी को भी दूर किया जाएगा। गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के हर थाने में एक कुक और एक ग्रुप डी का कर्मचारी रखने का निर्देश दिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसके हिसाब से सभी थानों में जरूरत के हिसाब से स्टाफ की डिमांड हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के पास में भेजी जाएगी।
विज ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि थाने में काफी बड़ी संख्या में ग्रुप डी आदि के कर्मचारी रखे गए हैं। जिनको पुलिसकर्मियों स्टाफ के लोग हर महीने आपस में पैसा इकट्ठा कर देते हैं। यह परंपरा ठीक नहीं है।
प्रदेश में सरकारी गाड़ियों पर हैरानी वाली बात यह है कि गाड़ी के चालक पुलिस के पास में नहीं है। जिन सिपाहियों को गाड़ी चलानी आती है, उनकी सेवाएं बतौर चालक ली जाती है। इस तरह की कई दशकों से चली आ रही है। गृहमंत्री ने इस बात पर हैरानी जाहिर की है।
ड्राइवर का काम कर रहे सिपाही
प्रदेश में भले ही डायल 112 की बात हो या फिर थानों, महिला थानों, साइबर थाना, एसपी, डीएसपी ऑफिस, बाकी अफसरों के यहां पर चालक की जगह सिपाही ही गाड़ी चला रहे हैं। उनकी संख्या और वाहनों का अध्ययन करने के साथ ही उनकी डिमांड भेजने के लिए कहा गया है।
चालक वाहनों पर आने के बाद दुर्घटना कम होगी और वाहन कम डैमिज होंगे। इस संबंध में हरियाणा पुलिस ड्राइवर भर्ती 2022 के लिए आयोग को सिफारिश भेजी जाएगी। हरियाणा में पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा पुलिस में ड्राइवर की भर्ती नहीं की गई है। बल्कि ये काम सिपाहियों से लिया जा रहा है।