
पिंक ताइवान अमरूद की खेती 500 हेक्टेयर में हो रही, जिससे अब तक 600 किसान जुड़ चुके है। किसानों के लिए कमाई का अच्छा जरिया बन रहा है। इसकी खेती करने में किसान दिलचस्पी ले रहे हैं और दिल्ली तक बिकने जा रहा है। यह अमरुद की बेहद उन्नत किस्म है और महज एक साल के अंदर ही इसके पेड़ फल देने लगते हैं।

जो किसान पारंपरिक खेती से कुछ अलग करना चाहते हैं वे ताइवान पिंक अमरुद की खेती कर सकते हैं। जितेन्द्र पाटीदार मध्य प्रदेश के एक छोटे से जिले मंदसौर में रहते हैं।
आज ये अपने जिले से हटकर ताइवानी अमरूद की खेती कर रहे हैं और आधुनिक ढंग से अमरूद की खेती कर रहे हैं। जिससे लाखों की आमदनी के साथ मिसाल भी क़ायम कर रहे हैं।

आपको बता दे कि पेड़ के एक वर्ष का होने पर फल आने लगते हैं और एक साल में कम से कम तीन बार फल लगते हैं।एक मोटे अनुमान के अनुसार एक पेड़ में लगभग तीस किलो अमरूद लगते हैं।
एक बीघा खेत में ताइवान अमरूद के 500 पौधे तक लगाए जा सकते हैं जिससे साल भर में डेढ़ सौ क्विंटल तक की उपज होगी।
यदि आपका फल बाजार में 30 रुपए किलो तक बिकता है तो साल में लगभग 7 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है।

बता दें कि कई साल पहले तक जितेंद्र अमरूद की ही खेती करते थे लेकिन किसी दूसरी किस्म के अमरूद की। और उससे वह काफी अच्छा प्रॉफिट कमा लिया करते थे।इसी दौरान उन्हें ताइवान अमरूद के बारे में पता चला और उन्होंने इसके बारे में रिसर्च करना शुरू कर दिया।

बता दें कि ताइवान अमरूद की खेती के बारे में उन्होंने कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलोर जैसे बड़े शहरों में इसकी बहुत ज्यादा खोजबीन की सारी जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद उन्होंने ताइवान अमरूद के पौधों को खरीदा और लगभग 2 साल पहले उन पौधों को 15 एकड़ भूमि में लगा दिया।