शराब के शौकिनों के लिए हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला। दिल्ली के बाद अब हरियाणा में भी शराब पीने वाले युवाओं की उम्र भी घटा दी गई है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस कानून पर मुहर लगा दी है और यह कानून राज्य में लागू भी हो चुका है। अब से हरियाणा में 21 साल के युवा भी बिना किसी परेशानी के शराब खरीद व पी सकते हैं। इससे पहले प्रदेश में 25 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही शराब खरीदने-बेचने और पीने की अनुमति थी। न ही शराब की दुकानों पर 25 साल से कम उम्र के युवक-युवतियों को काम पर लगाया जा सकता था।
हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मुहर के बाद गजट नोटिफिकेशन के साथ ही संशोधित कानून लागू हो गया है। इसके तहत शराब खरीदने-बेचने, सेवन और शराब के कारोबार में शामिल होने की आयु सीमा चार साल घटाई गई है।
कानून में बदलाव के लिए हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आबकारी कानून 1914 की कुल चार धाराओं में संशोधन किया गया था। बीती 11 फरवरी को संशोधित कानून को गजट में प्रकाशित कर दिया गया।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि दिल्ली सहित देश के कई राज्य पहले ही आयु सीमा को घटा चुके हैं। इसके पीछे तर्क यह कि मौजूदा सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में काफी बदलाव आ चुका है। कानून में बदलाव से न केवल शराब की अवैध खपत में कमी होगी, बल्कि उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ेगी। इससे राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।
नशे से निपटने के लिए तैयार है रोडमैप
हरियाणा में नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए रोडमैप तैयार है। नशा तस्करों से निपटने के लिए राज्य मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो ने गांव और वार्ड से लेकर प्रदेश स्तर तक की रणनीति बनाई है। विभिन्न स्तरों पर मिशन टीमें गठित की जा रही हैं जो नशे के आदी लोगों का पता लगाकर मोबाइल एप में उनका डाटा दर्ज करेंगी। साथ ही इनकी काउंसलिंग और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को स्टेट अपैक्स कमेटी की बैठक में निर्देश दिया कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने व नशा पीड़ितों का पुनर्वास करने के लिए संस्थागत ढांचा तैयार किया जाए। इसमें सभी संबंधित विभागों के आला अधिकारी भी शामिल हों ताकि एकरूपता के साथ योजनाएं क्रियान्वित की जा सकें।
सात दिन के भीतर मांगे सुझाव
उन्होंने सात दिनों के भीतर प्रशासनिक सचिवों को अपने सुझाव ब्यूरो को भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर वैज्ञानिक, सामाजिक व मनोवैज्ञानिक अध्ययन करने की हिदायत दी। ब्यूरो द्वारा किए जा रहे कार्यों की समय-समय पर मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जाए। यूथ क्लबों को भी जागरूकता अभियान में शामिल किया जाना चाहिए।
इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को किया जाएगा जागरूक
जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत संबंधित विभागों और NGO के माध्यम से सेमिनार, रोड शो और प्रतियोगिताएं करवाई जा रही हैं। स्कूल-कालेज और विश्वविद्यालय स्तर तक के लिए एक अनूठा कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से युवाओं को मादक पदार्थों से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा।