टोल टैक्स को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से गाइडलाइंस के साथ-साथ कैटेगरी बनाई है। इस कैटेगरी के आधार पर इन 25 लोगों या कहें कि 25 पद पर तैनात लोग शामिल हैं। इन्हें हाईवे पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। यानी अगर रांची से बरही या रांची से धनबाद जाना हो तो, कम से कम दो बार टोल टैक्स भरना होता है। रांची से निकलते पहला टोल टैक्स ओरमांझी में देना पड़ता है, दूसरा हजारीबाग और तीसरा बरही में। अगर आप सड़क मार्ग से दिल्ली जा रहे है, तो आपको एक तरफ से कम से 1500 रुपए टोल टैक्स के रूप में देनें होंगे। अगर आप रांची से धनबाद जा रहे है, तो दो टोल टैक्स देना पड़ता है। लेकिन कम से कम 25 ऐसी कैटेगरी हैं जिनसे टोल टैक्स नहीं वसूला जाता है।
इनमें सांसद, विधायक के अलावा तमाम सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। जबकि लाश ले जाने वाली गाडिय़ों से भी टोल टैक्स नहीं लिया जाता। टोल नाका पर हर गाड़ी से अलग-अलग शुल्क लिया जाता है। जैसे बस और ट्रक से ज्यादा टैक्स लिया जाता है, वहीं कार के लिए टैक्स कम होता है।

ऐसे में शातिर लोग बड़ी गाड़ियों पर छोटी गाड़ियों का फास्टैग लगाकर घपला कर रहे हैं। फास्टैग न लगवाने पर दोगुना चार्ज वसूला जाता है।
मौजूदा समय में देश के करीब सभी एक्सप्रेसवे और हाईवे पर टोल टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक मौजूदा समय में 25 तरह के वाहनों से कोई टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। करीब एक दशक पहले तक केवल 9 श्रेणियों के वाहनों को टोल टैक्स से छूट प्राप्त थी, जो अब बढ़कर 25 हो गई है।
इन्हें नहीं देना होगा Toll Tax
जिन गाड़ियों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा, उनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों से लेकर सांसद और जज-मजिस्ट्रेट सहित बड़े-बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं। विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी निजी यात्रा के दौरान भी टोल टैक्स का भुगतान नहीं करते।

इसके अलावा रक्षा, पुलिस, फायर फाइटिंग, एंबुलेंस, शव वाहन, चुनिंदा राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी, मजिस्ट्रेट, सचिव, विभिन्न विभागों के सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं। राज्य सरकारों की छूट दिए जाने वाले लोगों की अपनी सूची होती है।
फास्टटैग लगाकर राजस्व में हो रही थी चोरी
15 फरवरी 2021 से केंद्र सरकार ने पूरे देश में टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। टोल पार करने के लिए लोग बड़ी गाड़ियों पर छोटी गाड़ी का फास्टैग लगाकर निकल रहे हैं। जिससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों की जांच में पता चला कि टोल पार करने वाली गाड़ी दूसरी है और फास्टैग किसी और का लगा हुआ है। ऐसे में लगभग 300 रुपए से 500 रुपए की टैक्स चोरी हो जाती है। जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।