हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान समय में नशा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है और राज्य सरकार द्वारा नशे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज यहाँ प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उपस्थित रहे। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने न केवल मादक पदार्थों की अवैध तस्करी व बिक्त्री में शामिल व्यक्तियों को पकड़ने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, बल्कि इस नेटवर्क से जुडे़ अन्य लोगों की तह तक पहुंचने के लिए भी कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं। हम इसके लिए 3 ई पर काम कर रहे हैं, जिसमें एनफोर्समेंट, एजुकेशन, एंगेजमेंट ऑफ सिविल सोसाइटी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ‘हॉक’ सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप ‘प्रयास’ के माध्यम से नशे के तस्करों, तस्करी में संलिप्त लोगों का डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है।
इससे किसी सम्बंधित तस्कर के बारे में कोई भी सूचना तुरन्त प्राप्त कर बिना किसी देरी के कार्यवाही की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा राज्य में नशे की स्थिति एवं कारणों पर विश्ववविद्यालयों के सहयोग से विस्तृत वैज्ञानिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक अध्ययन करवाया जा रहा है।
गृहमंत्री विज ने बताया कि अब तक 18,937 छापेमारी की गई है और 4879 मामले दर्ज किए गए हैं, 5379 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, 65,35,643 रुपये की राशि रिकवर की गई है। साथ ही, 172 अवैध पिस्तौल, 202 कारतूस और 76,154 शराब की बोतलें बरामद की गई हैं।
उन्होंने कहा कि केस डिस्पोजल के लिए एक योजना बनाई गई है जिसमें हर स्तर पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी मामले में देरी के लिए इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है और अगले 15 दिनों में इसे परीक्षण के आधार पर चलाया जाएगा। इस पोर्टल में दर्ज किए गए प्रत्येक मामले का पूरा विवरण मेरे डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया करनाल, कुरुक्षेत्र और सिरसा में शुरू कर दी गई है।