हरियाणा में मादक पदार्थों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा और इस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए फॉरवर्ड, बैकवर्ड लिंकेज मैकेनिज्म स्थापित किया गया है। इसके लिए टीम भी गठित की जाएगी। बीते वर्ष नशे से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन के बाद हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक विस्तृत स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है। समाज के हर आयु वर्ग के नागरिकों को नशा मुक्त हरियाणा के यज्ञ में सम्मिलित करने के लिए ग्राम, वार्ड, कलस्टर, सब-डिवीजन, जिला व राज्य मिशन टीमों का गठन किया है। शिक्षण संस्थानों को भी इस बुराई से बचाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन 10 सदस्यीय टीमों का गठन मार्च के अंत तक किया जाएगा और इसमें 5 स्थानीय प्रतिनिधि और 5 अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूरे राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा और इस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए फॉरवर्ड, बैकवर्ड लिंकेज मैकेनिज्म स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद के लिए नशा मुक्ति केंद्र (Drug de-addiction center) स्थापित किए जाएंगे और ऐसे लोगों के लिए विशेष परामर्श सत्र सुनिश्चित किए जाएंगे ताकि उन्हें इस सामाजिक बुराई को छोड़कर मुख्यधारा में लाने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया गया है।
2,746 मामले हुए दर्ज, 3,975 गिरफ्तार
मनोहर लाल ने कहा कि पिछले एक साल में Haryana राज्य Narcotics Control Bureau और Haryana Police ने 2,746 अभियोग दर्ज किये हैं और 3,975 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 29.13 किलो हेरोइन (Heroin), 157.25 किलो चरस (Charas), 11,368 किलो गांजा (Gaanja), 356.19 किलो अफीम (Opium), 8550 किलो चूरापोस्त (sawdust) और 13 लाख 64 हजार 121 नशीली गोलियां, सिरप इत्यादि जब्त किया है।
नारकोटिक्स सेल्स किए जा रहे हैं स्थापित
उन्होंने कहा कि जिला, रेंज और राज्य स्तर पर एंटी नारकोटिक्स सेल्स स्थापित किये गये हैं। ये सेल्स मादक पदार्थों की सप्लाई चेन की पहचान करने के लिए देश-विदेश की मादक पदार्थ नियंत्रण एजेंसियों जैसेकि Narcotics Control Bureau, पड़ोसी राज्यों, अंतर्राज्यीय ड्रग सचिवालय, अफीम उत्पादक राज्यों आदि के साथ समन्वय करते हैं।
ये सेल्स नशा तस्करों, उनके प्रमुख वित्त पोशकों और मादक पदार्थों के मामलों में गिरफ्तार अपराधियों का डाटाबेस बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ये उन प्रमुख दवा निर्माताओं का रिकॉर्ड रखते हैं, जिनकी दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जा सकता है।
ड्रग सचिवालय की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए पंचकूला में एक Interstate Drug Secretariat की स्थापना की गई है। यह सचिवालय सहभागी राज्यों से मादक पदार्थों सम्बंधी अपराधियों की प्रासंगिक सूचना एकत्रित करता है ताकि एक डाटा बेस तैयार किया जा सके, जिससे उत्तरी राज्यों को मादक पदार्थों पर नकेल कसने में सहायता मिल सके। इसके अलावा, प्रदेश स्तर पर Special Task Force (एस.टी.एफ.) का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों बारे शिक्षित करने व समाज के युवा वर्ग की ऊर्जा को नशे व अन्य नकारात्मक गतिविधियों से हटाकर सकारात्मक तथा सृजनात्मक कार्यों में लगाने हेतु प्रेरित करने के लिए राहगिरी व मैराथन दौड़ आयोजित की जाती हैं।