पिछले सात वर्षों में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से आग्रह किया कि वे अपने राजनीतिक नेताओं के बहकावे में न आएं। मुख्यमंत्री ने आज यहां प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गत दिसंबर माह में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 850 रुपये तथा सहायकों के मानदेय में 736 रुपये वृद्धि की गई थी। इस मौके पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश के पहले तीन राज्यों में है, जहां आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सबसे ज्यादा मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में तो हरियाणा पहले स्थान पर है।

अन्य राज्यों में दिए जा रहे मानदेय से तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में दस वर्ष से अधिक अनुभव वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स 12661 रुपये, 10 वर्ष से कम अनुभव वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स और मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स को 11401 रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि आंगनवाड़ी वर्कर्स को पंजाब में 9500, छत्तीसगढ़ में 6500, मध्य प्रदेश में 10000, दिल्ली में 9678, राजस्थान में 10500, पांडुचेरी में 6540, पश्चिमी बंगाल में 6750 रुपये दिया जा रहा है।

इसी प्रकार, आंगनवाडी हेल्पर्स को हरियाणा में 6,781 रुपये दिये जा रहे हैं, जबकि पंजाब में 4750, छत्तीसगढ़ में 3250, मध्य प्रदेश में 5000, दिल्ली में 4889, राजस्थान में 5800, पांडुचेरी में 4375, पश्चिमी बंगाल में 4800 रुपये दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमने समय-समय पर आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स का मानदेय बढ़ाया है। वर्ष 2014 में आंगनवाड़ी वर्कर्स का मानदेय 7500 रुपये मासिक था, जो अब 12,661 रुपये हो गया है। इसी तरह हैल्पर्स का मानदेय वर्ष 2014 में 3500 रुपये मासिक था, जो अब 6,781 रुपये हो गया है। हमने आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को पदोन्नति देने के साथ-साथ सेवानिवृत्ति के समय भी एकमुश्त राशि देने की व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर 30 हजार रुपये एक्सग्रेसिया मिलता था, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपए तथा आंगनवाड़ी हेल्परों का 50 हजार रुपए किया गया है। आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को दुर्घटना से मृत्यु होने की स्थिति में 2 लाख रुपये देने का प्रावधान किया है।

उन्होंने कहा कि हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा उठाई गई लगभग सभी मांगों को पूरा किया है।