7 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) अपनी सरकार का तीसरा वार्षिक बजट (annual budget) पेश करेंगे। इसके बाद 4 दिनों का अवकाश रहेगा। अनुमान है कि यह बजट सत्र 22 मार्च तक चलेगा। सरकार (Government) के बजट सत्र का संभावित शेड्यूल मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) में भेजा गया है। सत्र की शुरुआत दो मार्च दोपहर दो बजे से होगी। इसकी शुरुआत राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya) के अभिभाषण से होगी। इस दौरान वह गठबंधन सरकार का विजन पेश करेंगे। 3 मार्च को बजट सत्र पर चर्चा शुरू होगी। 4 मार्च को भी इस पर ही चर्चा होगी और इसी दिन मुख्यमंत्री राज्यपाल अभिभाषण (speech) पर अपना जवाब देंगे। 5 व 6 मार्च को साप्ताहिक अवकाश (शनिवार व रविवार का अवकाश) (weekly off) रहेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास ही वित्त मंत्रालय भी है, ऐसे में फिलहाल वह बजट की तैयारियों में जुटे हुए हैं। संसद (Parliament) की तर्ज पर बजट पेश करने के बाद रिसेस का शुरुआत सरकार इस बार करेगी। बजट पेश होने के बाद 8 से 11 मार्च तक अवकाश रहेगा। इसके बाद 12 को शनिवार और 13 मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा।
यानी 6 दिनों के अवकाश के बाद 14 मार्च को बजट पर चर्चा के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होगी। 15 व 16 मार्च को भी बजट पर चर्चा और बहस जारी रहेगी। 17 मार्च को सिटिंग नहीं होगी। इसके बाद 18 से 20 मार्च तक विधानसभा की छुट्टी रहेगी। 21 मार्च को सीएम मनोहर लाल खट्टर (Haryana) बजट पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देंगे।
इसी दिन बजट (Budget) को पास किया जाएगा। 22 मार्च को विधानसभा के दूसरे विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। काफी नये बिल और पुराने एक्ट में संशोधन से जुड़े विधेयक भी बजट सत्र (budget session) में पेश होंगे। सीएम द्वारा बजट पेश करने के बाद स्पीकर द्वारा अलग-अलग विभागों की स्टेंडिंग कमेटियों का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट की तैयारी शुरू कर दी हैं। इसके चलते प्रदेश वासियों के सुझाव पर ही इस बार का बजट तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करने से पहले प्रदेश के आम लोगों की राय लेने की नई परंपरा शुरू की थी। इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार महामारी की गाइडलाइंस के कारण प्री-बजट बैठकें देरी से शुरू हुई। अब तक कुल 8 बैठकों का आयोजन किया गया है। इनमें विभिन्न औद्योगिक संगठन (industrial organization), स्वास्थ्य विभाग (Health Department), शिक्षा विभाग (Education Department), उद्योग विभाग (industry department), विकास एवं पंचायत विभाग (Development and Panchayat Department), रियल एस्टेट के प्रतिनिधि (real estate representative), कृषि विशेषज्ञ (agricultural specialist) आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक हुई बैठकों में कुल 427 सुझाव आए हैं और इनका संकलन (compile) किया जा रहा है। इनमें से कई सुझावों में दोहराव भी है। सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ और बैठकों का आयोजन किया जा सकता है। सभी बैठकों से मिलने वाले सुझावों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।