दिल्ली एनसीआर में लगातार प्रदूषण की मार झेल रहा है। इसको देखते हुए एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही अहम फैसला लिया है, इससे चालकों की चिंता बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार ऐसे वाहन अब 3 मार्च के बाद कबाड़ हो जाएंगे और पुलिस भी ऐसे वाहनों को पकड़कर उन पर कार्यवाही कर सकती है। ऐसे में लोगों को इन वाहनों को बेचने की भी सलाह दी जा रही है। अगर 3 मार्च के बाद ऐसे वाहनों को कोई भी चलाता हुआ पकड़ा जाता है तो वाहन जब्त होगा और चालक पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। प्रदूषण से निपटने के लिए ही इस फैसले को लिया गया है। सरकार ने ऐसे वाहनों को दूसरी जगह पर रजिस्टर कराने के लिए 3 मार्च 2022 तक का ही समय दिया था जोकि अब पूरा होने वाला है।
जानकारी के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों के बाद 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में बैन कर दिया गया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
ऐसे में सरकार द्वारा ऐसे वाहनों को एनसीआर से बाहर बेचने या फिर उन्हें किसी दूसरी जगह पर रजिस्टर कराने के आदेश दिए गए हैं। इन सब के लिए 3 मार्च 2022 तक का समय दिया गया। 3 मार्च के बाद ऐसे सभी वाहन खुद ही डी रजिस्टर्ड (de registered) हो जाएंगे।
इन जिलों में बेचे जा सकते हैं वाहन
यदि बात करें NCR कि तो इसमें फरीदाबाद, नूंह, गुरुग्राम, सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी, रोहतक, पानीपत, महेंद्रगढ़, पलवल, जींद, करनाल, भिवानी और चरखी दादरी शामिल है। इन सभी जिलों को छोड़कर किसी भी अन्य ज़िले में वाहन को दोबारा से रजिस्टर कराया जा सकता है या फिर उन्हें बेचा भी जा सकता है।
लेकिन वहीं इस बात को भी स्पष्ट किया गया है कि बेशक वाहनों को बाहर रजिस्टर कराया जा सकता है लेकिन एनसीआर में चलाने की अनुमति नहीं होगी। कहा जा रहा है कि यदि कोई भी ऐसे वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके वाहन को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा।
शुरू हो चुकी है कार्यवाही
बता दें कि इन आदेशों के बाद से ही ऐसे वाहनों पर कार्यवाही करना शुरू कर दिया गया है। पुलिस भी ऐसे वाहनों को लेकर सख्ती बरत रही है। 3 महीने के दौरान 10 साल पुराने डीजल के 57 से ज्यादा और 15 साल पुराने पेट्रोल के 115 से ज्यादा वाहनों को जब्त किया गया है। हालांकि अब 3 मार्च की अवधि को बढ़ाने की भी संभावना जताई जा रही है।