हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा द्वारा तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में पड़ने वाले पुलिस थानों में 137 साइबर डेस्क पर तैनात 274 पुलिस कर्मियों को तकनीकी तौर पर मजबूती देते हुए प्रशिक्षित किया गया। उत्तर क्षेत्र के जिलों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी ओपी सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध हरियाणा के मार्गदर्शन और हामिद अख्तर, पुलिस अधीक्षक, साइबर अपराध हरियाणा की देखरेख में राज्य अपराध शाखा, हरियाणा को सौंपी गई थी। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि साइबर पुलिस थाने, पंचकूला में संपन्न एक सप्ताह के प्रशिक्षण सत्र के दौरान सभी पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध से निपटने के लिए विज्ञान एवं तकनीक के उपयोग संबंधी बारीकियों बारे जानकारी दी गई।
पुलिस के यह सभी जवान साइबर क्राइम के शिकार पीड़ितों के साथ बातचीत करने और उनकी शिकायतें दर्ज करने वाले पहले व्यक्ति होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तरी क्षेत्र (पुलिस कमिश्नरेट पंचकूला, अंबाला रेंज, करनाल रेंज और हिसार रेंज) के 137 पुलिस थानों के 274 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया था।
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ट्रेनिंग के दौरान साइबर डेस्क के लिए नामित सभी पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के जिलों को दो जोन यानी उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में विभाजित किया गया था। उत्तर क्षेत्र के जिलों को साइबर अपराध के लिए राज्य नोडल एजेंसी (राज्य अपराध शाखा) की साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला, पंचकूला द्वारा प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण मॉड्यूल का समन्वयन श्री गौरव वीर, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, साइबर फोरेंसिक द्वारा किया गया।
10 बैचों में होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
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इस दौरान प्रत्येक बैच के लिए एक सप्ताह के प्रशिक्षण के साथ 10 बैचों में ‘साइबर डेस्क‘ समर्पित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। साइबर फोरेंसिक से इनपुट के साथ, सभी प्रशिक्षुओं को अपराध विश्लेषण के लिए आवश्यक उन्नत साइबर अपराध मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षित किया गया। साथ ही, शिकायत मिलने से लेकर उसके अंतिम मामले के निपटारे तक प्रशिक्षुओं के सामने लाइव मामलों की भी जांच की गई।
साइबर क्राइम से निपटने के लिए होगी साइबर डेस्क की स्थापना
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साइबर डेस्क (Cyber Desk) की स्थापना का उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी और महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध जैसे मामलों पर विशेष बल देते हुए साइबर वारदातों से निपटने के लिए एक समर्पित तंत्र प्रदान करना और साइबर क्राइम पीड़ितों को उनके निकटतम पुलिस स्टेशन में तत्काल सहायता प्रदान करना है।
इन बातों पर दिया जोर
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इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in नागरिक वित्तीय धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए), साइबर अपराधों (Cyber Crime) के प्रकार, साइबर कानून, साइबर अपराध जांच तकनीक, ओपन सोर्स इंटेलिजेंस और साइबर फोरेंसिक की मूल बातें आदि पर भी बल दिया गया।
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वित्तीय धोखाधड़ी (Fraud) के मामले में जोखिम को कम करने के लिए एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के सहयोग से ‘सिक्योर बैंकिंग‘ मॉड्यूल के बारे में भी जानकारी दी गई।